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भगवान जगन्नाथ का महा स्नान अनुष्ठान सम्पन्न, अब 15 दिन रहेंगे एकांतवास में – 27 जून को निकलेगी भव्य रथयात्रा: पुरंदर मिश्रा

भगवान जगन्नाथ का महा स्नान अनुष्ठान सम्पन्न, अब 15 दिन रहेंगे एकांतवास में – 27 जून को निकलेगी भव्य रथयात्रा: पुरंदर मिश्रा

रायपुर। राजधानी रायपुर के शंकर नगर (गायत्री नगर) स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में आज स्नान पूर्णिमा के पावन अवसर पर परंपरागत श्रद्धा और गहरी आस्था के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी का भव्य महा स्नान अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। 108 पवित्र कलशों से हुए इस ‘राज स्नान’ के साथ ही अब भगवान 15 दिनों तक ‘अनासर’ यानी एकांतवास में रहेंगे। इस अवधि में मंदिर के पट बंद रहेंगे और आम श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे।

इस अवसर पर श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष एवं उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री पुरंदर मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने श्रद्धालुओं से बात करते हुए कहा कि “भगवान जगन्नाथ की सेवा ही मेरा सौभाग्य है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्नान पूर्णिमा का आयोजन श्रद्धा और व्यवस्था के साथ संपन्न हुआ है। अब हम आगामी 27 जून को निकाली जाने वाली भव्य रथयात्रा की तैयारियों में जुट गए हैं, जिसमें अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।”

त्रिदोष के उपचार हेतु औषधीय सेवा

स्नान के पश्चात यह धार्मिक मान्यता है कि भगवान को जलाभिषेक के कारण त्रिदोष (कफ, पित्त, वात) हो जाता है, जिससे वे अस्वस्थ हो जाते हैं। इसी कारण 15 दिनों तक उन्हें एकांत में विश्राम दिया जाता है, जिसे अनासर कहा जाता है। इस दौरान विशेष औषधीय सेवा की जाती है, जिसमें जड़ी-बूटियों, फलों और जौ से बनी औषधीय खिचड़ी भगवान को अर्पित की जाती है।

27 जून को निकलेगी ऐतिहासिक रथयात्रा

श्री मिश्रा ने बताया कि 26 जून को भगवान का नवयौवन दर्शन कराया जाएगा और 27 जून को भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा जी नगर भ्रमण के लिए रथ पर सवार होकर निकलेंगे। यह रथयात्रा शहर की संस्कृति और श्रद्धा का सबसे बड़ा प्रतीक होती है। उन्होंने कहा “रथयात्रा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और सामाजिक एकता का उत्सव है। इस बार की यात्रा को और भी भव्य, सुंदर व सहभागी बनाने की तैयारी चल रही है।”

लोक संस्कृति और युवा भागीदारी को मिलेगा मंच

विधायक श्री मिश्रा ने बताया कि इस अवसर पर ओड़िया एवं छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति को मंच मिलेगा। भजन मंडलियां, स्कूल-कॉलेजों के छात्र, लोकनृत्य दल रथयात्रा महोत्सव में प्रस्तुति देंगे। रथ खींचने की परंपरा में भी इस बार हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी की उम्मीद है।

श्रद्धालुओं से संयम और सहयोग की अपील

मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री पुरंदर मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि अनासर काल के दौरान संयम बनाए रखें और भगवान के नवयौवन दर्शन व रथयात्रा में पूरी श्रद्धा से सम्मिलित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें। “शांति, सुरक्षा और भक्ति से परिपूर्ण वातावरण में रथयात्रा संपन्न हो, यह हम सबकी जिम्मेदारी है,” श्री मिश्रा ने कहा। “आप सबके सहयोग से यह आयोजन हर वर्ष नई ऊँचाइयों तक पहुँचता है, और इस बार भी हम नई मिसाल कायम करेंगे।”

Manoj Mishra

Editor in Chief

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