छत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में चार फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर

ग्रामीण क्षेत्रों में मानव मल के वैज्ञानिक निपटान की दिशा में बड़ा कदम, सारँगपुरकला में जिले का पहला प्लांट शुरू

कबीरधाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में चार फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर

कवर्धा, जून 2025। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता व्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए कबीरधाम जिले में मानव मल के सुरक्षित और वैज्ञानिक निपटान के लिए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। यह कार्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दिशा-निर्देशों के तहत संचालित हो रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का स्तर सुदृढ़ होगा और पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा सकेगा। बोड़ला विकासखण्ड में ग्राम सारँगपुरकला में जिले का पहला
मानव मल के सुरक्षित और वैज्ञानिक निपटान के लिए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो गया है। इसके आलवा जिले के सभी जनपदों में कवर्धा से दशरंगपुर, पंडरिया से कुंडा, और सहसपुर लोहारा से राजपुर में फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में सारँगपुरकला के साथ पंडरिया के कुंडा में दो प्लांट पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं कुंडा में भी प्लांट संचालन की स्थिति में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक यह आम समस्या थी कि सेप्टिक टैंकों की समय-समय पर सफाई नहीं हो पाती थी और जब होती भी थी तो मल का निपटान खुले में या अनुचित स्थान पर किया जाता था, जिससे न केवल ग्रामीण वातावरण दूषित होता था बल्कि जनस्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। एफएस टीपी की स्थापना से इस समस्या का स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल समाधान मिल गया है।
राज्य कार्यालय से एक डी-स्लज वाहन जनपद बोड़ला के ग्राम पंचायत सारंगपुरकला के लिए उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से जब किसी ग्रामीण का सेप्टिक टैंक भर जाता है, तो ग्राम पंचायत से संपर्क कर उसे खाली कराया जा सकता है। खाली किया गया मल सीधे तक पहुंचाया जाता है, जहाँ उसका सुरक्षित प्रसंस्करण किया जाता है।भविष्य में जब सभी प्रस्तावित एफएस टीपी पूर्ण हो जाएंगे, तब हर जनपद के लिए डी-स्लज वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे समूचे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को इसका लाभ प्राप्त हो सकेगा।
कबीरधाम जिले का ग्राम सारंगपुरकला, वह स्थान है जहाँ जिले का प्रथम फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित किया गया है। इसके आसपास के गांवों के लोग ग्राम पंचायत से संपर्क कर अपने सेप्टिक टैंक की सफाई और मल निपटान की सुविधा ले सकते हैं।

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा का कहना है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से मानव मल का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित कर पर्यावरण और जनस्वास्थ्य दोनों की रक्षा की जा रही है। जल्द ही सभी विकासखण्डों में शेष कार्य पूरा करने की प्राथमिकता है। इसके लिए जिला पंचायत सीईओ को विशेष निर्देश दिए गए है।

जिला पंचायत सीईओ श्री अजय त्रिपाठी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत यह पहल न केवल ग्रामीण स्वच्छता को बढ़ावा दे रही है बल्कि पंचायत स्तर पर भी सतत स्वच्छता प्रबंधन को सशक्त बना रही है। हमारा प्रयास है कि भविष्य में प्रत्येक जनपद को एफएसटीपी और डी-स्लज वाहन की सुविधा मिले।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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