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किराए के मकान’ में रहने वालों को बड़ी राहत, सस्ती दरों पर मिलेंगे घर

मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी-2.0 के तहत पंजीयन शुरू हो गए लेकिन अभी इसका लाभ मिलने में 5 से 6 माह का समय और लगेगा। क्योंकि अभी केवल योजना के 4 घटक ही घोषित हुए हैं, पूरी गाइडलाइन नहीं आई है। इस बार योजना में सस्ती दरों पर किराए के मकान भी मिलेंगे, लेकिन अभी तक इसका इंतजार हो रहा है।

सरकार ने इस योजना के तहत 10 लाख लोगों के लिए आवास बनाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल, योजना के किस घटक में कितने हितग्राहियों को लाभ दिया जाएगा यह तय नहीं हो पाया है। इसका निर्धारण गाइडलाइन आने के बाद ही तय होगा।

अब तक बने 8.5 लाख आवास

मप्र में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी-1.0 में अब तक 8.50 लाख आवास बन चुके हैं। इस पर 22,975 करोड़ रुपए खर्च हुए। आवासीय प्रोजेक्ट पूरे नहीं होने से हितग्राहियों को आवास नहीं मिल पाए हैं।

लोगों ने बढ़-चढ़कर किए आवेदन, लाभ नहीं मिला

पीएम आवास योजना 2.0 वर्ष 2024 में लॉन्च की गई है। इसके तहत सस्ती दरों पर किराए का आवास पाने बड़ी संया में लोग आवेदन कर रहे हैं। इसका लाभ कब मिल पाएगा कोई नहीं बता पा रहा है। इसके लिए दो मॉडल तय किए गए हैं, लेकिन प्रदेश में अभी तक इन पर काम नहीं हो पाया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों के अनुसार केन्द्र से सितंबर में योजना की गाइडलाइन जारी होने की संभावना है। इसके बाद ही काम आगे बढ़ेगा।

अब तक बने 8.5 लाख आवास

मप्र में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी-1.0 में अब तक 8.50 लाख आवास बन चुके हैं। इस पर 22,975 करोड़ रुपए खर्च हुए। आवासीय प्रोजेक्ट पूरे नहीं होने से हितग्राहियों को आवास नहीं मिल पाए हैं।

योजना के यह हैं चार घटक

बेनेफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन: इसके तहत हितग्राही को खुद का मकान बनाने में मदद की जाएगी। 

हाउसिंग इन पार्टनरशिप: सरकारी या निजी कंपनियों के सहयोग से सस्ते आवासों का निर्माण किया जाएगा।

रेंटल हाउसिंग: जरूरतमंदों को सस्ती दर पर किराये के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। 

इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम: इसके तहत 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मिलेगी, लेकिन मकान की कीमत 35 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

मंत्रालय ने धोखाधड़ी से बचने जारी की एडवायजरी

केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस योजना के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद एडवायजरी और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। इसमें बताया है कि योजना के लिए संबंधित नगरीय निकाय द्वारा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन सर्वेक्षण किया जाता है।

लेकिन पात्र लाभार्थी स्वयं भी एकीकृत वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति योजना का लाभ दिलाने के लिए पैसों की मांग करता है तो पुलिस में एफआइआर कराएं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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