मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता खत्म होने के बाद उनकी सीट भी रिक्त घोषित हो गई है। इस संबंध में यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने रविवार को अधिसूचना जारी कर दी। अब यहां जल्द विधानसभा उपचुनाव घोषित होगा। इसके लिए चुनाव आयोग कार्यक्रम जारी करेगा। वहीं, अपने नेता के लिए योगी सरकारमें कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने अपना रूख साफ कर दिया है। वह अब्बास अंसारी के लिए हाईकोर्ट जाएंगे।सुभासपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “वह (अब्बास अंसारी) पार्टी के विधायक हैं। अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। हम अपना पक्ष रखने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।” ओपी राजभर ने ये भी कहा कि अब्बास अंसारी सुभासपा से विधायक हैं। एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश का स्वागत है लेकिन वह इस फैसले के खिलाफ उनकी पार्टी ऊपरी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।उधर, अब्बास अंसारी की विधायकी जाने पर रविवार को छुट्टी के दिन भी विधानसभा सचिवालय खोलकर आदेश जारी किया गया। अधिसूचना में कहा गया है कि अब्बास अंसारी 31 मई से विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित माने जाएंगे। इसलिए अब्बास अंसारी की मऊ सीट 31 मई से रिक्त घोषित मानी जाएगी। असल में सीट रिक्त घोषित करने में विधानसभा सचिवालय की ओर से खासी तेजी भी दिखाई गई। अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर 2022 का विधानसभा चुनाव जीते थे। तब सुभासपा व सपा का चुनावी गठजोड़ था। सीट वितरण समझौते में सपा के अब्बास अंसारी को सुभासपा ने अपने टिकट पर चुनाव लड़ा दिया था। बाहुबली मुख्तार अंसारीके बेटे अब्बास अंसारी सपा सुभासपा के टिकट पर चुनाव जीत गए और उसके बाद नफरती भाषण दिया जिसके तहत अब मऊ की एमपी व एमएलए कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई।
2022 से लेकर अब तक 6 नेताओं की गई विधायकी
अब्बास अंसारी की सदस्यता जाने से पहले भी मौजूदा 18वीं विधानसभा में पांच लोगों की विधायकी जा चुकी है। इनमें इरफान सोलंकी, आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां, राम दुलार, विक्रम सैनी शामिल हैं। इन सभी को विभिन्न मामलों में अदालत ने दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई और इस कारण इनकी सदस्यता चली गई थी। यह सभी अलग अलग दलों से 2022 का विधानसभा चुनाव जीते थे।