भोपाल। मध्य प्रदेश में इस वर्ष मानसून तय समय से पहले दस्तक दे सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी मानसून के 24-25 मई के बीच केरल पहुंचने की संभावना है, जबकि मध्य प्रदेश में यह 15 जून या उससे पहले भी आ सकता है। वर्तमान में प्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियों की शुरुआत हो चुकी है, जिससे अगले पांच दिनों तक कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना जताई गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के अनुसार, अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सक्रिय है, जो गुरुवार तक कम दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है।
उसके साथ ही, पंजाब के पास भी ऊपरी हवा में एक चक्रवात बना हुआ है, जिससे निकलने वाली पूर्व-पश्चिम द्रोणिका (ट्रफ लाइन) हरियाणा, उत्तर मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम होते हुए बांग्लादेश तक फैली हुई है। इन प्रणालियों का संयुक्त असर प्रदेश के मौसम पर दिखने लगा है।
- पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, शहडोल और सागर संभाग के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। सबसे अधिक 38 मिमी वर्षा आरोन (गुना) में दर्ज हुई।गुना, रीवा और डिंडोरी जिलों में ओलावृष्टि भी हुई। सागर में 69 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। बुधवार को दिन में छिंदवाड़ा में 11 मिमी, धार और रतलाम में 2-2 मिमी, सागर में 0.6 मिमी और रीवा में 0.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई
तेज गर्मी और लू से राहत के आसार
- प्रदेश में सबसे अधिक तापमान खजुराहो में 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। खजुराहो और नौगांव में लू का असर बना रहा। हालांकि मौसम में आई हलचल से आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट और लू से राहत मिलने की उम्मीद है।
- मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला के अनुसार आगामी पांच दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला बना रह सकता है, जिससे मानसून पूर्व की सक्रियता और अधिक तेज हो सकती है। विशेषकर भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर संभाग के जिलों में अच्छी वर्षा हो सकती है।