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Ready To Launch: इसरो का जासूसी सैटेलाइट तैयार, दुश्मनों पर रखेगी नजर, बादलों के पार देखने की है क्षमता

नई दिल्ली/ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी नवीनतम उपलब्धि के साथ एक बार फिर विश्व मंच पर भारत का परचम लहराया है। इसरो का नया पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट, EOS-09, जिसे RISAT-1B के नाम से भी जाना जाता है, 18 मई 2025 को सुबह 6:59 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C31 रॉकेट के जरिए लॉन्च होने के लिए तैयार है। यह सैटेलाइट अपनी अत्याधुनिक तकनीक के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में क्रांति लाने का वादा करता है।

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सैटेलाइट की खासियत

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EOS-09 में C-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) तकनीक का उपयोग किया गया है, जो इसे दिन-रात और हर मौसम में, चाहे घने बादल हों या तूफान, पृथ्वी की सतह की उच्च-रिजॉल्यूशन छवियां कैप्चर करने में सक्षम बनाता है। इसकी पांच इमेजिंग मोड्स, जैसे हाई-रिजॉल्यूशन स्पॉटलाइट और मीडियम रिजॉल्यूशन स्कैनSAR, 1 मीटर तक की सटीक निगरानी से लेकर व्यापक पर्यावरणीय अवलोकन तक की सुविधा प्रदान करते हैं। यह तकनीक पारंपरिक ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट्स की सीमाओं को पार करती है, जो बादलों या अंधेरे में काम नहीं कर पाते।

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राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका

हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद, इसरो ने EOS-09 के लॉन्च को तेज करने का फैसला किया था। यह सैटेलाइट भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा और उत्तरी सीमाओं की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियानों में इसने पहले ही अपनी उपयोगिता साबित की है, जहां इसरो के 10 सैटेलाइट्स ने सेना, नौसेना और वायुसेना को वास्तविक समय में निगरानी और संचार सुविधाएं प्रदान की थीं।

निजी क्षेत्र का सहयोग

इसरो ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS-3) कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत अगले एक साल में 52 जासूसी सैटेलाइट्स लॉन्च किए जाएंगे। इसमें निजी कंपनियां जैसे अनंत टेक्नोलॉजीज, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज शामिल हैं, जो 31 सैटेलाइट्स का निर्माण करेंगी, जबकि शेष 21 इसरो द्वारा विकसित किए जाएंगे। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही है।

आगे की योजनाएं

इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि भारत 2040 तक अपनी पहली अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा, G20 देशों के लिए जलवायु और वायु प्रदूषण निगरानी सैटेलाइट विकसित किया जा रहा है। EOS-09 का लॉन्च भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक नया अध्याय जोड़ेगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और वैज्ञानिक प्रगति को एक साथ बढ़ावा देगा।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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