Blog

CG Breaking : छत्तीसगढ़ में स्वेटर सप्लाई के नाम पर करोड़ों की ठगी, दिल्ली से गिरफ्तार हुए बंटी-बबली

आरोपियों के खिलाफ 12 से ज्यादा मामले दर्ज, कई व्यापारियों को लगा चुके हैं चूना

जशपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम से स्वेटर सप्लाई करने का ठेका लेकर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में जशपुर पुलिस ने दिल्ली से दो शातिर ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। बंटी-बबली फिल्म की तर्ज पर इन दोनों ने पत्थलगांव थाना क्षेत्र के एक व्यापारी से पांच करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया। यही नहीं इन दोनों ने देशभर में अलग अलग व्यापारियों से 150 करोड़ तक की ठगी की है। जशपुर पुलिस आरोपियों को ट्रैप करने खुद ग्रहक बनी और एक हजार करोड़ के आर्डर का भरोसा दिलाया तब जाकर यह पकड़ाए। मामला पत्थलगांव थाना क्षेत्र का है।

portal add

दरअसल इस मामले में 20 अप्रैल 2025 को पुलिस के पास शिकायत पहुंची थी। पत्थलगांव क्षेत्र के व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल इस संबंध में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसके साथ राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नई दिल्ली की डायरेक्टर अनीता उपाध्याय व उनके साथी सौरभ सिंह, रत्नाकर उपाध्याय व प्रांशु अग्रवाल के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम से स्वेटर सप्लाई करने का टेंडर लिया गया। इसके नाम पर 5 करोड़ 70 लाख रुपए ले लिए लेकिन स्वेटर सप्लाई नहीं की। रिपोर्ट पर थाना पत्थलगांव में बी एन एस की धारा 316(2)(5), 318(4), 336(1)(3), 338,340(2), 341(1), 346 व 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध जांच विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह के द्वारा, एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की पता साजी के लिए दिल्ली रवाना किया गया। एसएसपी शशिमोहन सिंह लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे।

office boy girl

चारो शातिर बंद रखते थे मोबाइल
दिल्ली पहुंची टीम को चारों को ट्रेस करना मुश्किल हो रहा था। चारों इतने शातिर थे, कि वे आपस में वाईफाई व वाट्सएप कॉलिंग से बात करते थे और अपने मोबाइल फोन को ज्यादातर बंद रखते थे। इस बीच राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन  की ट्रस्टी अनीता उपाध्याय का एक नंबर कुछ देर के लिए शुरू हुआ। टीम ने अनिता उपाध्याय से कस्टमर बनकर कॉल किया। खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताकर 1000 करोड़ रूपए की ऑर्डर दिलवाने का लालच दिया और मीटिंग के लिए होटल ताज चाणक्यपूरी दिल्ली बुलाया। अनिता उपाध्याय इतनी शातिर थी वह शुरुआत में मीटिंग के लिए तैयार नहीं हो रही थी। दो दिनों तक पुलिस को गुमराह करती रही। पुलिस टीम ने अनिता उपाध्याय से बार बार संपर्क कर उसे विश्वास में लिया तो वह होटल ताज में मीटिंग के लिए राजी हो गई। होटल ताज में पुलिस अधिकारी सादी वर्दी में व एक स्थानीय मॉडल को हायर कर  अपना असिस्टेंट बताकर अनीता उपाध्याय से मिलवाया, ताकि अनिता उपाध्याय को कोई शक न हो।

book now

प्रोफेशनल तरीके से लिया विश्वास में
पुलिस ने प्रोफेशनल तरीके से अनिता उपाध्याय से बातचीत कर उसे विश्वास में ले लिया कि वे मंत्रालय के अधिकारी है। पुलिस की टीम ने कहा कि  1 हजार करोड़ रुपए ऑर्डर के लिए  उनके बॉस रत्नाकर उपाध्याय से उन्हें मिलवाना पड़ेगा। अनिता उपाध्याय ने रत्नाकर उपाध्याय को उसके गोपनीय मोबाइल  नंबर पर काल कर मीटिंग के संबंध में बताया। इस दौरान पुलिस की टेक्निकल टीम ने अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय को ट्रेस कर लिया। दिल्ली में मौजूद जशपुर पुलिस की टीम उसे पकड़ने निकली लेकिन वह बार बार अपना लोकेशन बदल रहा था।  पुलिस टीम लोकेशन ट्रेस कर लगातार पीछा करती रही, और आखिरकार सागरपुर (दिल्ली)  में मेडिकल स्टोर के पास रत्नाकर उपाध्याय को पकड़ लिया। 

गिरफ्तारी से बचने मचाने लगा शोर
पुलिस ने जब रत्नाकर उपाध्याय को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया गया, तब उसने गिरफ्तारी से बचने मेरा अपहरण किया जा रहा है कहते हुए शोर मचाने लगा। इसके बाद जशपुर पुलिस ने स्थानीय पुलिस का सहारा लिया। दिल्ली पुलिस के घटना स्थल में पहुंचने तक एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल के द्वारा रत्नाकर उपाध्याय को अपने गिरफ्त में पकड़कर रखा गया था। पुलिस की गिरफ्त से बचने हेतु मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय व उसकी पत्नी के द्वारा एसडीओपी पर हमला भी किया जा रहा था। इसके बाद अनिता उपाध्याय को भी होटल ताज से हिरासत में लेकर दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर वापस लाया गया।

धोखाधड़ी के लिए अपनाया यह तरीका
रत्नाकर उपाध्याय के द्वारा कस्टमर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से धोखा धड़ी करने के लिए वर्ष 2023 में ही संस्था के डायरेक्टर व को फाउंडर पद से अपना इस्तीफा दे दिया गया था व अपनी जगह अभियुक्त अनिता उपाध्याय को संस्था का डायरेक्ट नियुक्त किया गया था,  परंतु आंतरिक रूप से संस्था का संचालन मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय के द्वारा ही किया जाता था,जब धोखा धड़ी के संबंध में कस्टमर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के द्वारा अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय से संपर्क किया जाता था तो उसके द्वारा बताया जाता था कि, उसने संस्था के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है, मामले के संबंध में डायरेक्टर अनिता उपाध्याय से संपर्क करे, जब कस्टमरों के द्वारा अभियुक्त अनिता उपाध्याय से संपर्क किया जाता था, तो उसके द्वारा बताया जाता था कि उक्त मामला पूर्व डायरेक्टर रत्नाकर उपाध्याय से संबंधित है, इसमें वह कुछ नहीं कर सकती है, इस प्रकार दोनो मिली भगत कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को गुमराह करते हुए ठगी करते थे। मामले में संलिप्त दो अभियुक्त फरार है, जिसकी पुलिस के द्वारा पतासाजी की जा रही है, जिन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

15 राज्यों में कार्यक्षेत्र, ठगी के लिए लगा रखे थे एजेंट
अभियुक्तों के द्वारा के वर्ष 2021 में लखनऊ से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन का झुग्गी झोपड़ी एवं ग्रामीण स्तर पर गरीब  बच्चों को पढ़ने लिखाने  एवं स्कूल बैग ,ड्रेस स्वेटर जैसे अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य रजिस्टर कराया गया था। जिसकी डायरेक्ट अनिता उपाध्याय, रत्नाकर उपाध्याय व को फाउंडर, सौरभ सिंह बने।  जिनका छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कुल 15 राज्यों में कार्यक्षेत्र था। इनके द्वारा लोकल एजेंटों के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन में माल सप्लाई में अच्छे लाभ का लालच देकर, वेंडरों को झांसे में लेकर उनसे 25 लाख रुपए सिक्युरिटी मनी, डीडी के रूप में व 50 हजार रुपए प्रोसेसिंग चार्ज व कार्य दिलाने के नाम पर 10- 10 लाख रुपए नगद अलग से लिए जाते थे। लोकल एजेंट प्रांशु अग्रवाल के माध्यम से पत्थलगांव निवासी अमित अग्रवाल से सीएसआर फंड से प्राप्त राशि से माल सप्लाई में अच्छा फायदा का प्रॉब्लम देकर 25 लख रुपए सिक्योरिटी मनी 50000 प्रोसेसिंग चार्ज और विंडो से काम दिलाने के नाम पर 15 लख रुपए नगद लिया गया था। अमित अग्रवाल से कुल 5 करोड़ 70 व टीबर्ड इंटर प्राईजेज बिलासपुर तथा पूर्णिमा ट्रेडिंग रायगढ़ से को मिलाकर लगभग 18 करोड़ ले लिए। अभियुक्तों के द्वारा वेंडर्स को झांसे में लेने के लिए जो बुकलेट दिया जाता था, उसमें इनके द्वारा तीन वर्ष में 600 करोड़ रुपए से अधिक का टर्न ओवर बताया जाता था। जबकि संस्था को सीएसआर मद से गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने आवश्यक सामग्री प्रदाय करने के नाम पर 02 वर्षों में कुल 140 करोड़ रुपए ही मिले जबकि इस वर्ष डिमांड 130 करोड़ रुपए का था।

अवैध कमाई से बना रखी थी करोड़ों की संपत्ति
पुलिस जांच में पता चला है, अभियुक्तों के द्वारा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र , दिल्ली, व छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं से 150 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। जिसमें अभियुक्तों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में 12 से अधिक प्रकरण भी दर्ज हैं। रत्नाकर उपाध्याय के पास अवैध आर्थिक गतिविधियों से कमाए रुपयों से लखनऊ में 24 फ्लैट, दिल्ली में 2फ्लैट, जिनकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपए है। साथ ही  दाई करोड़ रुपए के रेंज रोवर गाड़ी भी है।  पुलिस के द्वारा मामले के सभी अभियुक्तों की संपत्तियों के संबंध में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है, जिसके संबंध में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। मामले की विवेचना एवं आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल, थाना प्रभारी पत्थलगांव निरीक्षक विनीत कुमार पांडे, निरीक्षक अमित कुमार तिवारी, सहायक उप निरीक्षक लखेश साहू, खिरोवती बेहरा, प्रधान आरक्षक अनंत मिराज, आरक्षक आशीषन टोप्पो, मारियानुस एक्का, महिला आरक्षक रिम्पा पैंकरा के महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

The post CG Breaking : छत्तीसगढ़ में स्वेटर सप्लाई के नाम पर करोड़ों की ठगी, दिल्ली से गिरफ्तार हुए बंटी-बबली appeared first on ShreeKanchanpath.

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button