सागर. सागर में एक किसान की बेटे ने कमाल कर दिया है. 14 साल की उम्र में राज्य स्तरीय चेस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है. गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही वह नेशनल गेम के लिए भी क्वालीफाई कर गए. खास बात यह है कि इस बच्चे ने अपने पिता को देखकर चेस खेलना सीख और अब वह इतना पारंगत हो गया कि रीजनल में गोल्ड जीत गया हैं.बता दें कि राघवेंद्र सिंह ठाकुर मकरोनिया के कृष्ण वार्ड में रहते है, जो पेशे से किसान हैं और एक किराना दुकान चलाते हैं, उनके बेटे देवांश दुकान में ही पिता के साथ बैठकर चैस खेलते थे और धीरे-धीरे करके उन्होंने इसे अपना पेशन बना लिया, पहले वह अपने पिता से इस खेल में जीतने लगे, इसके बाद सागर में हुए ओलंपिया में उन्होंने भाग लिया तो फर्स्ट रैंक के साथ गोल्ड मेडल जीता, इसमें और परिपक्व होने के लिए गेम को धार दी, देवांश पिछले तीन सालों से चेज खेल रहे हैं. यह कक्षा आठवीं के छात्र हैं पढ़ाई के बाद उन्हें जब भी समय मिलता तो चेस की प्रैक्टिस करते हैं.30 अप्रैल को सागर के केंद्रीय विद्यालय वन में रीजनल चेस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ, अंडर 14 कैटेगरी में देवांश ने भाग लिया और अपने विरोधी को पटकनी दे दी, इसमें अलग-अलग जिलों से 80 छात्र खेल में शामिल होने आए थे. अंडर 14 में देवांश एकमात्र खिलाड़ी है, जिन्होंने फर्स्ट रैंक के साथ गोल्ड मेडल भी जीता है और अब वह नेशनल के लिए क्वालीफाई हो गए हैं. जो जुलाई के आखिरी या अगस्त की शुरुआत में अहमदाबाद या हैदराबाद में होगा अभी तारीख तय नहीं हो पाई है.

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