मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना जैसी कई फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल ऑडिट(सामाजिक अंकेक्षण) करवाया जाएगा। इन योजनाओं से लोगों के जीवन में क्या बदलाव आया, इनकी कमियों से लेकर खूबियों तक की रिपोर्ट बनाई जाएगी। यह रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की जाएगी।इसके आधार पर योजनाओं में सुधार या परिवर्तन जैसे निर्णय लिए जा सकेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर विभागों से समन्वय कर सोशल आडिट की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।बता दें, मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हुई लाड़ली बहना योजना के तहत वर्तमान में एक करोड़ 17 लाख पात्र महिलाओं प्रतिमाह 1250 रुपये दिए जा रहे हैं। इस योजना पर हर महीने करीब 1550 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
Ladli Bahna Yojana: लाड़ली बहना और इसके जैसी योजनाओं से क्या हुआ बदलाव, घर-घर जाकर पता लगाएगी एमपी सरकार
MP Government Schemes: मध्य प्रदेश सरकार लाड़ली बहना योजना सहित कई फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल आडिट कराने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य योजनाओं की प्रभावशीलता और कमियों का मूल्यांकन करना है। इस आडिट के माध्यम से शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, जिससे योजनाओं में सुधार या परिवर्तन के निर्णय लिए जा सकेंगे।
- लाड़ली बहना योजना सहित कई योजनाओं का होगा सोशल ऑडिट।
- योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रयास।
- घर-घर संपर्क कर इन योजनाओं को लेकर जानकारी जुटाई जाएगी।
सौरभ सोनी, नईदुनिया, भोपाल(MP Flagship Schemes)। मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना जैसी कई फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल ऑडिट(सामाजिक अंकेक्षण) करवाया जाएगा। इन योजनाओं से लोगों के जीवन में क्या बदलाव आया, इनकी कमियों से लेकर खूबियों तक की रिपोर्ट बनाई जाएगी। यह रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की जाएगी।
इसके आधार पर योजनाओं में सुधार या परिवर्तन जैसे निर्णय लिए जा सकेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। स्वीकृति मिलने पर विभागों से समन्वय कर सोशल आडिट की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बता दें, मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हुई लाड़ली बहना योजना के तहत वर्तमान में एक करोड़ 17 लाख पात्र महिलाओं प्रतिमाह 1250 रुपये दिए जा रहे हैं। इस योजना पर हर महीने करीब 1550 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस पर 18,669 करोड़ रुपये बजट का प्रविधान भी किया गया है। यह योजना इतनी लुभावनी साबित हुई कि महाराष्ट्र में भी इसे लागू किया गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दिल्ली की महिलाओं के लिए भी इसी तरह का वादा किया।
ये हैं एमपी सरकार की योजनाएं
सोशल आडिट के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का विभागवार खाका तैयार किया जाएगा। इनमें प्रधानमंत्री मातृवंदना, पीएम आवास, निश्शुल्क खाद्यान्न वितरण, पथ विक्रेता योजना, लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना सहित तमाम ऐसी योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क किया जाएगा।
अंतर केवल यह होगा कि वित्तीय आडिट की जगह यह एक सोशल आडिट होगा। बता दें, सोशल आडिट का उद्देश्य सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी होता है