Blog

रेल मंत्री वैष्णव ने गिनाए खरसिया-परमालकसा नई रेल लाइन के फायदे, बढ़ेंगे रोजगार और रेलवे कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी

रायपुर। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूर खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल प्रोजेक्ट के बारे में रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को रेल भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को बदलने वाला है। इस प्रोजेक्ट पर 8741 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे पूरे छत्तीसगढ़ को एक छोर से दूसरे छोर तक कवरेज मिलेगा। रेल मंत्री ने कहा कि खरसिया-परमालकसा 5वीं-6वीं रेल लाइन छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क की नई धमनी की तरह है । यह ओडिशा की सीमा से महाराष्ट्र की सीमा तक रेल नेटवर्क की सुविधा प्रदान करेगी ।

portal add

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि यह भारत के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक है। इससे छत्तीसगढ़ के रायगढ़, जांजगीर चाँपा, बिलासपुर, बलौदा बाजार, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे जिले जुड़ेंगे । इसके तहत 21 स्टेशन बनेंगे और 48 बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे । साथ ही 349 माइनर ब्रिज बनेंगे । 14 फ्लाईओवर और 184 अंडर पास का निर्माण होगा । स्थानीय स्तर पर निवासियों को दिक्कत ना हो इसके लिए 5 रेल फ्लाईओवर भी निर्मित किए जाएंगे ।

office boy girl
image 18

प्रोजेक्ट में बिछेंगी 615 किलोमीटर लंबी पटरियां
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 615 किलोमीटर लंबी पटरियां बिछेंगी, जिसमें 278 किलोमीटर का रूट है। इस रूट के निर्माण के बाद 8 से ज्यादा मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जाएगा । इस रेल नेटवर्क के निर्माण से करीब 22 करोड़ लीटर डीजल बचेगा और रेलवे को लगभग 2500 करोड़ रुपये के डीजल की बचत होगी । रेल मंत्री ने कहा कि भगवान राम के वनवास के दौरान माता शबरी के प्रसंग से जुड़े लक्ष्मी नारायण मंदिर का भी इस रेल नेटवर्क से संपर्क स्थापित होगा । बलौदा बाजार और खरसिया जैसे सीमेंट उत्पादन के बड़े इंडस्ट्रियल हब भी इस नेटवर्क से जुड़ेंगे ।

book now

लोगों की सुविधा के लिए बायपास पद्धति
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए रेलवे अब बायपास पद्धति को अपना रही है । इसके तहत मालगाड़ी को शहर के बाहर से निकालने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं यात्री गाड़ियों को शहर के अंदर एंट्री दी जाएगी। इस रेल लाइन के निर्माण के दौरान भी इस पर फोकस रहेगा। साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत डोकरा और कोसा सिल्क के उत्पादन वाले इलाके भी रेल लाइन के जरिए जुड़ेंगे । इसके चलते 2 करोड़ मैन डे जॉब क्रिएट होगा ।

2014 के बाद छत्तीसगढ़ में आई तेजी
रेल मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ को लगभग 3 सौ करोड़ का रेलवे फंड मिलता था। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का रेलवे बजट अब 22 गुना बढ़कर लगभग 6900 करोड़ से ज्यादा हो गया है। साथ ही 2014 के बाद छत्तीसगढ़ में रेलवे के काम में अभूतपूर्व तेजी आई है । इसके तहत 1,125 किमी नए ट्रैक बने हैं, जोकि दुबई के पूरे रेलवे नेटवर्क से ज्यादा है ।  उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे का कुल निवेश 47 हजार करोड़ से अधिक है । इसके तहत 32 स्टेशनों का पुनर्निर्माण हो रहा है, और इन्हें पूरी तरह नया बनाया जा रहा है । इनमें से कई स्टेशनों के विकास का कार्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा ।

पूरी होने वाली है दल्लीराझरा से रावघाट नई लाइन
राज्य के महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट्स की जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि दल्लीराझरा से रावघाट नई लाइन पूरी होने वाली है। अब इसके आगे रावघाट से जगदलपुर रेल लाइन के डीपीआर बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। वैसे ही गेवरा-पेन्ड्रा रोड नई लाइन पर भी तेजी से काम चल रहा है। साथ ही राजनांदगांव से नागपुर तीसरी लाइन, झारसुगुड़ा से बिलासपुर चौथी लाइन, रायपुर-केन्द्री-धमतरी से अभनपुर-राजिम लाइन का गेज कन्वर्जन करके ब्रॉड गेज बनाया जा रहा है । राजनांदगांव से डोंगरगढ़ चौथी लाइन, जगदलपुर से कोरापुट की डबलिंग, धरमजयगढ़ से कोरबा नई लाइन, अनूपपुर से अंबिकापुर के दोहरीकरण के लिए पर्याप्त फंड दिए गए हैं।

सीएम साय बोले- मोदी सरकार में तेजी से हो रहे काम
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुखातिब होते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि राज्य के लोगों ने जिन उम्मीदों के साथ डबल इंजन की सरकार बनाई है, उसे पूरा करने का काम भारतीय रेल कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आई है, छत्तीसगढ़ में रेलवे से जुड़ा हजारों करोड़ का काम हो रहा है। नई परियोजना से छत्तीसगढ़ के छह सात जिले जुड़ते हैं, यह राज्य के लिए सौभाग्य की बात है। स्टेशनों के विकास के लिए सरकार ने करोड़ों का फंड दिया है, इससे रेलवे और छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलेगी।

प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं
(1) खरसिया से नया रायपुर होते हुए परमालकसा तक 5वीं और 6वीं रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत ₹8,741 करोड़ है।
(2). यह परियोजना 278 किमी रूट और 615 किमी ट्रैक लंबाई की है, जिसमें 21 स्टेशन, 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, और 5 रेल फ्लाईओवर शामिल हैं।
(3.)कोलकाता-मुंबई मुख्य मार्ग पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए यह परियोजना बेहद जरूरी है, जिससे यात्री और मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी।
(4.) यह नई लाइन बिलासपुर और रायपुर को बायपास करने का विकल्प देगी, जिससे मालगाड़ी की गति और दक्षता में वृद्धि होगी।
(5.) परियोजना से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग, और राजनांदगांव जिले लाभान्वित होंगे।
(6.) 21 से 38 मिलियन टन माल परिवहन और 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें इस मार्ग से चलेंगी।
(7). हर साल 113 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी होगी, जो कि लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
(8.) 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत सालाना होगी, जिससे पर्यावरण और ईंधन दोनों को लाभ होगा।
(9.) इस रेल परियोजना से हर साल ₹2,520 करोड़ की लॉजिस्टिक लागत की बचत होगी, जो सड़क परिवहन की तुलना में अधिक किफायती है।
(10.) यह परियोजना छत्तीसगढ़ की आर्थिक गतिविधियों को गति देने और संपर्कता सुधारने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

The post रेल मंत्री वैष्णव ने गिनाए खरसिया-परमालकसा नई रेल लाइन के फायदे, बढ़ेंगे रोजगार और रेलवे कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी appeared first on ShreeKanchanpath.

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button