गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. जैसे ही नया कारोबारी साल 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगा, वैसे ही GST नियमों में कई बड़े बदलाव लागू हो जाएंगे. सरकार अब कई सख्त कदम उठाने जा रही है. ई-वे बिल और ई-इनवॉइस सिस्टम में सख्ती
अब नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने ई-वे बिल और ई-इनवॉइस सिस्टम को और सिक्योर बना दिया है. बिना सही ऑथराइजेशन कोई इनवॉइस नहीं जनरेट कर सकेगा. धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी.
GST पोर्टल पर लॉगिन के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी
अब सिर्फ पासवर्ड से लॉगिन नहीं चलेगा. सभी टैक्सपेयर्स को OTP या अन्य सेक्योरिटी स्टेप्स फॉलो करने होंगे.
ई-वे बिल की वैलिडिटी अब लिमिटेड
ई-वे बिल अब 180 दिनों तक ही वैलिड होगा और 360 दिन से ज्यादा एक्सटेंशन नहीं मिलेगा. पुरानी तारीखों के इनवॉइस से माल ढुलाई अब मुश्किल होगी.अब आप GSTR-7 (TDS से जुड़ा रिटर्न) को स्किप करके आगे की तारीख में फाइल नहीं कर सकते. हर महीने का रिटर्न क्रमवार भरना जरूरी होगा.
डायरेक्टर्स को देना होगा बायोमेट्रिक
अब प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स को GST सुविधा केंद्र में जाकर फिंगरप्रिंट/बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा.
ISD रजिस्ट्रेशन जरूरी
अगर आपकी कंपनी की एक ही PAN पर कई GST रजिस्ट्रेशन हैं, तो अब आपको Input Service Distributor (ISD) के तौर पर रजिस्टर करना पड़ेगा. गलत ITC डिस्ट्रीब्यूशन पर ₹10,000 जुर्माना लग सकता है.
टैक्स एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
शिवकुमार रामजी, नांगिया एंडरसन LLP ने कहा कि इन बदलावों से सिक्योरिटी तो बढ़ेगी, लेकिन टैक्स फाइल करना थोड़ा और टेढ़ा हो सकता है. सिस्टम अपडेट करें, टीम को ट्रेन करें और स्ट्रेस बॉल खरीदना न भूलें!
संदीप सहगल, AKM Global ने कहा कि GST के नियम अब और सख्त होने जा रहे हैं- पुरानी इनवॉइस से छूट नहीं मिलेगी, और गैर-अनुपालन पर जल्द कार्रवाई होगी. सरकार चाहती है कि टैक्स प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो, साथ ही फर्जीवाड़े पर लगाम लगे.
अब GST में हर कदम पर सख्ती और निगरानी बढ़ रही है. छोटे-बड़े हर व्यापारी को सिस्टम अपडेट करना, स्टाफ को ट्रेन करना और सही दस्तावेज तैयार रखना बेहद जरूरी है. Compliance से समझौता किया तो भारी जुर्माना और टेक्निकल ब्लॉकेज तय है.