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Central Jail Raipur : 291 बंदी कर रहे हैं पढ़ाई, तिहाड़ के बाद सबसे शिक्षित जेल, यहां है संस्कृत की विशेष पाठशाला

कक्षा पहली से 12 वीं तथा पीजी तक की होर रही पढ़ाई, पांच संस्थानों ने परीक्षा केन्द्र भी बनाया

रायपुर। साक्षरता से शिक्षा, शिक्षा से ज्ञान उसी से होगा आत्म उत्थान इन दिनों रायपुर सेन्ट्रल जेल के सैकड़ों कैदियों में चरितार्थ होती दिख रहीं है। इसी का नतीजा है कि शिक्षा के क्षेत्र में तिहाड़ के बाद रायपुर सेन्ट्रल जेल में सबसे ज्यादा शिक्षित बंदी है। यहां शिक्षा सत्र 2024-25 में पहली कक्षा से लेकर स्नात्कोत्तर तक की पढ़ाई करने वाले 291 कैदी है, जो नियमित पढ़ाई कर रहें है। इन सभी कक्षाओं की परीक्षा के लिए संबंधित शिक्षण संस्थानों बोर्ड व विश्वविद्यालय ने रायपुर सेन्ट्रल जेल में परीक्षा केन्द्र भी बना दिया है। खास बात यह है कि रायपुर सेंट्रल जेल में संस्कृत की विशेष पाठशाला है।

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इस तरह से शिक्षा के क्षेत्र में रायपुर सेन्ट्रल जेल ने यह उपलब्धि हासिल की है। उम्मीद है कि यहां शिक्षा प्राप्त करने के बाद बंदियों में शायद ही अपराध करने की प्रवृत्ति दोबारा आयेगी। जहां सभी नये पुराने पाठ्यक्रमों में सैकड़ों बंदी पढ़ाई कर रहे हैं। संस्कृत पाठशाला सेन्ट्रल जेल रायपुर जेलों के अंतर्गत देश की पहली संस्कृत पाठशाला है। जिसमें कक्षा छठवीं से कक्षा बारहवीं तक ज्योंतिष, आयुर्वेद, पुराणेतिहासम्, पौरोहित्यम्, कर्मकाण्ड विषयों की नियमित पढ़ाई कराई जाती है।

शिक्षा से किया जा रहा बदलने का प्रयास
दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा जेल परिसर दिल्ली स्थित तिहाड़ है, जहां अपराध में लिप्त बंदियों को सुधारने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे है। जिसमें शिक्षा सबसे बड़ा माध्यम है। ठीक इसी तरह रायपुर सेन्ट्रल जेल में आजीवन कारावास के सैकड़ों बंदियों की जिंदगी को शिक्षा के माध्यम से बदलने का प्रयास किया जा रहा है। जेल शिक्षकों के अलावा विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के द्वारा समय-समयं पर विषय विशेषज्ञों द्वारा पाठ्यक्रमानुसार बंदियों को मार्गदर्शन दिया जाता है। साथ ही प्रत्येक बैरक में बंदियों को शिक्षा देने के लिए दो-दो कैदियों को सांकेतिक साक्षरता सेना (देखरेख) के रूप में नियुक्त किया गया है।

100 से ज्यादा बंदी दे रहे बीए व एमए की परीक्षा
यहां भारत साक्षरता मिशन अंतर्गत (उल्लास) 39 बंदी परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे है। प्राथमिक व माध्यमिक कक्षाओं में 72 से ज्यादा बंदी पढ़ाई कर रहे है। छत्तीसगढ़ ओपन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल परीक्षा में 68 बंदी परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे है। बीए और एमए में 100 से ज्यादा बंदी है। समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, लोकप्रशासन सहित अनेक विषयों पर कैदी पीजी कर रहे है। 68 बंदी संस्कृत के अनेक विषयों में पढ़ाई कर रहे है इसी तरह इग्नू के अनेक पाठ्यक्रमों में सैकडों कैदी अध्ययनरत है। यहां इन कक्षाओं से संबंधित 11663 पुस्तकें भी पुस्तकालय में रखी गयी है।

शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा काम : अमित शांडिल्य
जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि जेल में कैदियों को शिक्षित करने के लिए अनेक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे है। शिक्षा के क्षेत्र में रायपुर सेन्ट्रल जेल सतत काम कर रही है। शिक्षा सुविधा के मामलें में तिहाड़ के बाद रायपुर सेन्ट्रल जेल है। जहां सैकड़ों कैदी पी.जी. की पढ़ाई कर रहें है। जेल में अध्ययनरत कैदियों को परीक्षा देने बाहर न जाना पड़े इसलिए चार शैक्षिक संस्थानों ने रायपुर सेन्ट्रल को स्थायी परीक्षा सेन्टर बना दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल, एनआईओएस, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम्, प.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता मिली है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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