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वेदांता एल्युमीनियम और नाबार्ड ने कौशल और कृषि नवाचार के जरिए ग्रामीणों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया

कालाहांडी/ओडिशा . भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी, वेदांता एल्युमीनियम ने ओडिशा के कालाहांडी जिले में कार्यबल कौशल, जल संसाधन प्रबंधन और कृषि विविधीकरण हेतु 1 करोड़ रुपए की ग्रामीण विकास पहल को लागू करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के साथ सहभागिता की है। इस संबंध में एक स्वीकृति पत्र के आदान-प्रदान के माध्यम से इस सहयोग को औपचारिक रूप दिया गया है। ओडिशा के संसाधन संपन्न लेकिन आर्थिक रूप से वंचित इलाकों में कुशल कार्यबल के निर्माण और कृषि लचीलेपन को मजबूत करने की दिशा में यह एक अहम् निवेश है।

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इस भागीदारी के तहत, दोनों संगठन रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और दीर्घकालिक कृषि स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई कदम उठाएंगे। इस पहल के अंतर्गत लांजीगढ़ में वेदांता के कौशल प्रशिक्षण केंद्र में ‘फूड एंड बेवरेज स्टीवर्ड कोर्स’ के तहत 60 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा, ताकि उन्हें उद्योग-संबंधित कौशल से लैस किया जा सके। यह कदम इलाके में बढ़ते रोजगार के हालात के मुताबिक होगा। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 210 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके साथ ही कृषि अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे, जिसमें सामुदायिक तालाबों, खेत पोखरों, चैक डैम सहित 275 जल संरचनाओं का निर्माण शामिल है, ताकि किसानों के लिए जल सुरक्षा बढ़ाई जा सके और खेती की 2380 एकड़ भूमि पर हल्दी, अदरक और गेंदा जैसी उच्च मूल्य वाली फसलें लगाई जा सकें, जिससे स्थानीय सूक्ष्म उद्यमों के विकास को बढ़ावा मिले।

वेदांता लिमिटेड के एल्युमिना बिजनेस के सीईओ प्रणब कुमार भट्टाचार्य और नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय, भुवनेश्वर के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. सुधांशु के. के. मिश्रा के बीच समझौते को औपचारिक रूप दिया गया, जिसमें सतत ग्रामीण विकास के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया। ग्रामीण आत्मनिर्भरता और आर्थिक विविधीकरण के भारत के राष्ट्रीय उद्देश्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए, यह सहयोग क्षेत्रीय आर्थिक परिवर्तन के लिए औद्योगिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए वेदांता एल्युमीनियम की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

इस अवसर वेदांता एल्यूमिनियम के मुख्य प्रचालन अधिकारी सुनील गुप्ता ने इस पहल के व्यापक प्रभाव पर बल दिया और कहा, ’’वेदांता एल्युमीनियम में, हम मानते हैं कि सतत विकास समुदायों को सशक्त बनाने से शुरू होता है। नाबार्ड के साथ हमारी साझेदारी युवाओं को उद्योग हेतु तैयार कौशल से लैस करके और नवीन कृषि पद्धतियों को पेश करके एक आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक कदम है।’’

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. सुधांशु के. के. मिश्रा ने ग्रामीण विकास में रणनीतिक साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, ’’नाबार्ड अभिनव साझेदारी के माध्यम से सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो आजीविका को बढ़ाता है और कृषि के लचीलेपन को मजबूत करता है। वेदांता एल्युमीनियम के साथ हमारा सहयोग सार्थक परिवर्तन लाने में उद्योग-नेतृत्व वाली पहलों की शक्ति का प्रमाण है। हमारी शक्तियों को मिलाकर, यह कार्यक्रम ओडिशा में ग्रामीण समुदायों के लिए स्थायी आर्थिक अवसर पैदा करेगा, किसानों और युवाओं को अधिक समृद्ध भविष्य के लिए आवश्यक संसाधनों और कौशल से सशक्त करेगा।’’

वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता लिमिटेड का एक व्यवसाय है, जो भारत का सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024 में भारत के आधे से अधिक एल्युमीनियम यानी 23.7 लाख टन का उत्पादन किया है। यह वैल्यू-ऐडेड एल्युमीनियम उत्पादों में अग्रणी है, जिनका कोर इंडस्ट्रीज़ में बेहद महत्वपूर्ण इस्तेमाल होता है। वैश्विक एल्युमीनियम उद्योग में एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2024 विश्व रैंकिंग में वेदांता एल्युमीनियम दूसरे स्थान पर है, यह उपलब्धि सतत विकास अभ्यास हेतु कंपनी की प्रतिबद्धता की परिचायक है। भारत में अपने विश्व स्तरीय एल्युमीनियम स्मेल्टर, एल्युमिना रिफाइनरी और बिजली संयंत्रों के साथ कंपनी धरती के हरेभरे कल के लिए ’भविष्य की धातु’ के रूप में एल्युमीनियम की उभरती एप्लीकेशंस को बढ़ावा देने के अपने मिशन पर निरंतर आगे बढ़ रही है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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