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रजाई-गद्दे संदूक में डालने से पहले अपनाएं ये ट्रिक, न फफूंद लगेगी न आएगी बदबू

बागेश्वर. घरेलू नुस्खे हमेशा से हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं. कई बार बड़ी समस्याओं का भी ये आसान समाधान कर देते हैं. धीरे-धीरे सर्दियों का मौसम खत्म हो रहा है. जल्द ही गर्मियों का मौसम शुरू हो जाएगा और रजाई-गद्दों को संदूक में डाल दिया जाएगा. छह महीने तक वो उसी में बंद रहेंगे. ऐसे में कई बार उनमें फफूंद लग जाती है और उनसे बदबू आने लगती है. ऐसी समस्याओं के लिए पहाड़ पर एक घरेलू तरीका अपनाया जाता है. यहां रजाई-गद्दों को संदूक में डालने से पहले पहले गद्दों को सुखाया जाता है और संदूक में डालते समय इनमें कपूर के पत्ते डालें जाते हैं. कपूर के पत्ते रजाई-गद्दों को अगले छह महीने तक तरोताजा रखते हैं.

कपूर के पत्ते

बागेश्वर रहने वाले रमेश पर्वतीय लोकल 18 से कहते हैं कि रजाई-गद्दों को पहले पूरा एक दिन धूप में बढ़िया से सुखाया जाता है. धूप में सुखाने के बाद रजाई-गद्दों को कुछ समय ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है. इनके लिए एक बड़ा सा संदूक साफ किया जाता है. उसमें नीचे से एक साफ कपड़ा या पुराने अखबार बिछा दिए जाते हैं. अब इसमें एक लेयर कपूर के पत्तों की बिछाई जाती है. संदूक में बिछाने से पहले कपूर के पत्तों को‌ सुखाया जाता है. सूखने के बाद इन पत्तों को संदूक में डाला दिया जाता है. फिर संदूक में रजाई-गद्दे डाले जाते हैं और ऊपर से भी एक लेयर‌ पत्तियों की बिछा दी जाती है. ताकि रजाई-गद्दों की सुरक्षा दोनों तरफ से बनी रहे. इस तरीके को अपनाने के बाद आपको संदूक में मार्केट में मिलने वाला कपूर डालने की जरूरत नहीं है. कपूर के पत्ते ही आपका काम बना देंगे.

पत्तों के फायदे

कपूर के पत्तों को घर में रखने से कई फायदे हैं. इनको घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. कपूर के पत्तों को घर में रखने से घर का वातावरण शुद्ध होता है. इसके पत्तों को घर में रखने से घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. कपूर के पत्तों को घर में रखने से रिश्तों में मिठास आती है. इसके पत्तों को घर में रखने से मानसिक शांति मिलती है. इसके पत्तों को घर में रखने से धन के योग बनते हैं. बिना वजह के कलह-क्लेश नहीं होता. परिवार में सामंजस्य रहता है. मूड बेहतर होता है. इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ में भी किया जाता है.रजाई-गद्दों को पहले पूरा एक दिन धूप में बढ़िया से सुखाया जाता है. धूप में सुखाने के बाद रजाई-गद्दों को कुछ समय ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है. इनके लिए एक बड़ा सा संदूक साफ किया जाता है. उसमें नीचे से एक साफ कपड़ा या पुराने अखबार बिछा दिए जाते हैं. अब इसमें एक लेयर कपूर के पत्तों की बिछाई जाती है. संदूक में बिछाने से पहले कपूर के पत्तों को‌ सुखाया जाता है. सूखने के बाद इन पत्तों को संदूक में डाला दिया जाता है. फिर संदूक में रजाई-गद्दे डाले जाते हैं और ऊपर से भी एक लेयर‌ पत्तियों की बिछा दी जाती है. ताकि रजाई-गद्दों की सुरक्षा दोनों तरफ से बनी रहे. इस तरीके को अपनाने के बाद आपको संदूक में मार्केट में मिलने वाला कपूर डालने की जरूरत नहीं है. कपूर के पत्ते ही आपका काम बना देंगे.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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