*चक्र पूजा महोत्सव का भव्य समापन, समाज एकजुटता की मिसाल*
सांकरा जोंककुंभकार महासंघ फुलझर अंचल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चक्र पूजा महोत्सव का भव्य समापन 8 दिसंबर 2024 को इष्ट देव की पूजा-अर्चना और भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस महोत्सव का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से हुआ, जिसमें ग्राम बोइरडीह की बड़ी संख्या में माताएं, बहनें और समाज के लोगों ने भाग लिया।
महोत्सव के दूसरे दिन 7 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि बसना विधायक श्री संपत अग्रवाल और विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत महासमुंद की सदस्य श्रीमती वृंदावती सोमनाथ पांडे, श्रीमती हेमकुमारी प्रेमलाल नायक, संबलपुर के कुंभकार समाज अध्यक्ष श्री हरिहर राणा, रायगढ़ के रामचरण राणा, बरगढ़ के लावण्य राणा, बागबाहरा के बृजलाल राणा और मोरध्वज चक्रधारी, गरियाबंद के वरुण चक्रधारी, नुआपड़ा के कुशध्वज राणा, ग्राम पंचायत बोइरडीह की सरपंच श्रीमती राजदुलारी वीरेंद्र अग्रवाल, रामचंद्र अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, और अशोक अग्रवाल मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुंभकार महासंघ फुलझर अंचल के अध्यक्ष श्री नरेंद्र राणा ने की।
इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ और वृद्धजनों को सम्मानित किया गया। साथ ही समाज के होनहार बच्चों, भूपेश राणा (बीरसिंगपाली), सुनीता राणा (तोषगांव), रोशनी राणा (धनापाली) और संगीता राणा (भंवरपुर) को मोमेंटो और नगद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।
समारोह में कुंभकार समाज के पवित्र “कुराल पुराण” के हिंदी अनुवादक बष्टम राणा अंतर्ला को विशेष सम्मान दिया गया। इस आयोजन के दौरान श्रीमती वृंदावती सोमनाथ पांडे ने निर्माणाधीन मंदिर परिसर के लिए ₹5 लाख की स्वीकृति दी। वहीं, मंदिर निर्माण के लिए ₹51,000 से अधिक की राशि दान करने वाले समाजसेवियों का भी अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम की सफलता में शाखा सभा पिरदा के सभापति श्री राजेंद्र राणा, सचिव मनोरंजन राणा, उपसभापति राजकुमार राणा, कोषाध्यक्ष आनंदराम राणा और सह सचिव कमल राणा ने सक्रिय भूमिका निभाई। इनके साथ अन्य प्रमुख सदस्यों जैसे भानु राणा, दशरथ राणा, श्रीराम राणा, मोहर राणा, दयानिधि राणा, तुकाराम राणा, समयलाल राणा, पदमलोचन राणा, भागवतिया राणा, ग्राम बोइरडीह से विसंबर प्रधान, नरेन्द्र प्रधान, मणि प्रधान, इन्द्रजीत बारिक, निरंजन बेहरा, बाल्मिक प्रधान और किशोर साहू ने भी अपना योगदान दिया।
समारोह को सफल बनाने में प्रबंधकारिणी के सदस्यों—नरेंद्र राणा, लक्ष्मीनारायण पांडे, जलंधर राणा, धर्मेन्द्रनाथ राणा, जगन्नाथ प्रसाद राणा, परक्षित राणा, बाबूलाल राणा, आनंदराम राणा, सुभाष राणा, भ्रमर राणा, फुलसाय राणा, ललित पांडे, पुरूषोत्तम पांडे, अमर राणा, राजेंद्र राणा, हृषिकेश राणा, रेशमलाल राणा, हारालाल राणा, श्रवण कुमार राणा और हृदयानंद राणा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यक्रम का संचालन हितेंद्र पाण्डे , सुशांत राणा एवं सागर राणा द्वारा किया गया।
यह तीन दिवसीय समाज की एकजुटता, समर्पण और परंपरा के प्रति आस्था का प्रतीक बना। कुंभकार समाज ने अपनी एकता और सहयोग की मिसाल पेश करते हुए इस आयोजन को यादगार बनाया।