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शादी में मां क्यों नहीं देखती बेटे के फेरे? इस खास चीज से जुड़ा है रहस्य, ज्योतिषाचार्य से जानें

देवघर. अभी शादी का सीजन चल रहा है. चारों तरफ शहनाइयां गूंज रही है. सभी जगहों पर अलग परंपरा से शादी विवाह के दौरान कई तरह के रष्म और रीती रीवाज निभाई जाती है. शादी विवाह में एक अनोखा परंपरा है सात फेरा. वहीं शादी के दौरान वर वधु अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं. इस सात फेरे के दौरान वर और वधू के परिवार के सभी लोग मौजूद रहते हैं, लेकिन लड़के की मां यह सात फेरा नही देखती है. आखिर लड़के की मां बारात क्यों नहीं जाती है और सात फेरा क्यों नहीं देखती जानते है देवघर के ज्योतिषाचार्य से?

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य बिना रीति रिवाज के संपन्न नहीं होती है, चाहे वह शादी, मुंडन या गृह प्रवेश हो. फिलहाल अभी शादी का सीजन चल रहा है. हिंदू धर्म में शादी विवाह के दौरान कई रीति रिवाज होती है. शादी विवाह मे एक ऐसा रीवाज है की वर वधु पवित्र बंधन में बंधकर सात फेरे लेते हैं. इसके बाद ही शादी सम्पन्न मानी जाती है, लेकिन यह सात फेरे लड़के की माँ नहीं देखती है.

सात फेरे क्यूँ नही देखती लड़के की माँ ?
ज्योतिषाचार्य बताते है की शादी के दौरान जब वर-वधू अग्नि को साक्षी मानकर साथ फेरे लेते हैं. वह रष्म लडके की माँ नहीं देखती, क्योंकि वह बारात नहीं जाती है. यह परंपरा आदिकाल से ही चलती आ रही है कि लड़के को आम महुवा से शादी कराकर उसकी माँ विदा करती है. कुछ रष्म बाकी रह जाता है, जो बारात जाने के बाद लड़के की माँ को घर में करना पड़ता है, जिसकी वजह से लड़के की मां बारात नहीं जाती है. दूसरी बात यह है कि जब शादी विवाह संपन्न होकर लड़की अपने ससुराल आती है, तो उसका गृह प्रवेश भी माँ ही कराती है. इस वजह से माँ बारात नही जाती और बेटे का सात फेरे नहीं देख सकती है.

ख़त्म हो रही है यह परंपरा
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि धीरे-धीरे अब यह परंपरा समाप्ति की कगार पर है. अब बारात में लड़के की मां भी जाने लगी है, जो अनुचित है. माँ को घर में रहकर ही दुल्हन का गृह प्रवेश कराना चाहिए.

 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का  जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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