मैहर जिले के रामनगर के झगरहा गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां राकेश पटेल नाम के दूल्हे ने तिलक समारोह के दौरान ससुराल वालों से मिले 1.50 लाख रुपए का शगुन ये कहकर लौटा दिया कि उसे दहेज की जरूरत नहीं. इस फैसले के बाद शादी-समारोह में मौजूद सभी लोग हक्के-बक्के रह गए… लेकिन जब राकेश ने यह बात मुस्कुराते हुए दोहराई, तो सभी के चेहरे खुशी से खिल उठे. बता दें कि राकेश की शादी 10 दिसंबर को बड़वार गांव की आंचल नाम की युवती से तय हुई है. 5 दिसंबर को आंचल के परिवार वाले तिलक चढ़ाने झगरहा गांव आए थे. तिलक के दौरान ससुराल पक्ष ने राकेश को शगुन के तौर पर 1.50 लाख रुपए भेंट किए. लेकिन राकेश ने केवल 600 रुपए का शगुन स्वीकार किया और बाकी रकम लौटा दी. उन्होंने ससुराल वालों से कहा कि वे दहेज प्रथा के खिलाफ हैं और इसे खत्म करने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना चाहते हैं. राकेश का कहना है राकेश के इस फैसले के बाद कार्यक्रम में मौजूद लोग कहने लगे कि ऐसे दामाद हर घर में हों. मेहमान कहने लगे कि दहेज प्रथा जैसे सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए इस तरह के कदम बहुत जरूरी हैं. राकेश के इस कदम ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है. अब सवाल ये उठता है कि क्या अन्य युवा भी राकेश से प्रेरणा लेंगे? बता दें कि राकेश पटेल रामनगर ब्लॉक के झगरहा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव में की और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में Graduation की डिग्री हासिल की. फिलहाल राकेश सऊदी अरब की एक निजी कंपनी में ऑटोमेशन इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे
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