बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 5967 पदों पर आरक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हट गई है। बुधवार को इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया है। इसमें पुलिस कर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट को हटाया गया है। शहीद पुलिस कर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट यथावत रहेगी। नक्सल प्रभावित सुरक्षा कर जवानों के बच्चों को भी छूट मिलेगी। हाईकोर्ट में जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच में सुनवाई हुई है।
बता दें छत्तीसगढ़ में आरक्षक संवर्ग 2023-24 के लिए 5 हजार 967 पदों पर भर्ती निकली है। पुलिस कर्मियों के बच्चों को फिजिकल में छूट मिली थी। डीजीपी ने अवर सचिव को पत्र लिखकर छूट का प्रावधान किया था। भर्ती नियम 2007 कंडिका 9(5) के तहत भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों को शिथिल किया जा सकता है। इसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान सीने की चौड़ाई और ऊंचाई जैसे कुल 9 पॉइंट्स में शामिल थे। अवर सचिव ने इस सुझाव को स्वीकार भी कर लिया। इससे आहत होकर याचिकाकर्ता बेदराम टंडन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। याचिकाकर्ता के बेटे ने राजनांदगांव में कॉन्स्टेबल जनरल ड्यूटी के लिए आवेदन दिया है।
26 नवंबर को हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
बेदराम टंडन की याचिका पर 26 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने कहा था कि पुलिसकर्मियों के बच्चों को लाभ देना गलत है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि अपने विभाग के कर्मचारियों के बच्चों को छूट देना आम लोगों के साथ भेदभाव है। वकील की ओर से पेश किए गए दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। 8 दिन बाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाया। अब फिर से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
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