रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि अब वनमंडलों के काष्ठागार-बांसागार में ईमारती लकड़ी, बांस, बल्ली एवं जलाऊ का लकड़ी की बिक्री ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रक्रिया 09 दिसम्बर 2024 से ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। इसकी शुरूआत धमतरी काष्ठागार से होगी। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में पहले ईमारती लकड़ी, बांस, बल्ली एवं जलाऊ की बिक्री खुली नीलामी के माध्यम से किया जा रहा था।
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ई-नीलामी प्रणाली लागू होने से ईमारती लकड़ी, बांस, बल्ली एवं जलाऊ का ई-नीलामी पोर्टल के माध्यम से संबंधित डिपो के नीलामी दिनांक एवं अवधि पर कहीं से भी क्रय किया जाना संभव होगा। जबकि पूर्व में, नीलामी में भाग लेने हेतु नीलामी स्थल में ही उपस्थित होना पड़ता था। अब क्रेता अपनी सुविधा अनुसार स्थल से नीलामी में भाग लेकर ईमारती लकड़ी, बांस, बल्ली एवं जलाऊ का क्रय कर सकते हैं।
ई-प्रणाली लागू होने से ईमारती लकड़ी, बांस, बल्ली एवं जलाऊ की नीलामी में पारदर्शिता होगी तथा खरीददारों को क्रय करने में सुविधा एवं उनके बहुमूल्य समय की बचत होगी। ई-प्रणाली लागू होने से ईमारती लकड़ी, बल्ली, बांस एवं जलाऊ से प्राप्त होने वाले वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राजस्व में कम से कम 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
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