ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है। वहीं, इसके विपरीत पितरों के नाराज होने पर पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में मांस-मदिरा का सेवन किया जाता है, उन लोगों से पितृ नाराज रहते हैं। इसी के साथ पाप कर्म भी पितृ दोष का कारण बन सकते हैं।
इतनी पीढ़ियों को करना है प्रभावित
हिंदू पुराणों में माना गया है कि पितृ दोष उसी व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता बल्कि उसकी आने वाली सात पीढ़ियों को भी प्रभावित कर सकता है। वहीं पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म आमतौर पर तीन पीढ़ियों के पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिसमें पिता, दादा और परदादा शामिल होते हैं।