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धान पर सियासत, लेकिन मालामाल होंगे किसान; इस बार नहीं होगी धान खरीदी-बिक्री में दिक्कत

रायपुर। राज्य स्थापना दिवस और त्यौहारी घचपच के बीच राज्य सरकार ने इस बार धान खरीदी 15 नवंबर से करने का निर्णय लिया है, जिसे लेकर सियासी माहौल गरमाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इस बार धान खरीदी से सारे रिकार्ड टूटेंगे, किसानों की जेब में भी ज्यादा धन आएगा। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी किसानों के लिए सबसे बड़ा उत्सव होता है। छत्तीसगढ़ सबसे बड़े धान उत्पादक राज्यों में शुमार है। यहां की राजनीति की धुरी भी धान पर केन्द्रीत है। हर साल समर्थन मूल्य पर सरकार किसानों से धान खरीदती है और राशि का भुगतान किया जाता है। बस्तर से रायपुर, सरगुजा से बिलासपुर और दुर्ग से दंतेवाड़ा तक प्रदेश के किसान धान खरीदी का इंतजार करते हैं। एक ओर जहां विपक्षी दल कांग्रेस ने पूर्व वर्षों की भांति इस साल भी 1 नवंबर से धान खरीदी की मांग की है, वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि अभी धान खरीदी की तैयारियां ही चल रही है। मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक की रिपोर्ट उन तक नहीं पहुंची है, इसलिए तारीख अभी तय नहीं है।

प्रदेश में हर साल धान खरीदी से किसानों की आय में इजाफा होता है। साल 2023-24 के छत्तीसगढ़ खाद्य और कृषि विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में रिकॉर्ड धान खरीदी हुई थी। राज्य के किसानों से 144.92 लाख टन धान किसानों ने बेचा था। इसमें कुल 24 लाख 72 हजार से अधिक किसान शामिल हुए। किसानों को कुल 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रुपए का भुगतान किया गया। साल 2022-23 के धान खरीदी के मुकाबले यह आंकड़ा 37.39 लाख टन अधिक रहा। बीते साल साय सरकार ने धान खरीदी की तारीख में तीन दिन का इजाफा किया था। साल 2023-24 में किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी हुई। प्रदेश के अन्नदाताओं को 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का भुगतान किया गया। किसानों ने सबसे अधिक दर पर धान खरीदी के रेट को लेकर खुशी जाहिर की थी।

इस साल भी धान खरीदी को लेकर किसान बेहद खुश हैं। 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी होने पर किसानों के इनकम में भी इजाफा हुआ था। किसानों ने इस रेट पर धान खरीदी के फैसले को प्रदेश में अन्नदाता का सम्मान बताया और साय सरकार की तारीफ की। छत्तीसगढ़ में इस बार धान खरीदी का अनुमान 15 नवंबर से रखा गया है। करीब 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का लक्ष्य और अनुमान रखा गया है। प्रदेश में 2058 कॉपरेटिव सोसाइटी और 2739 धान उपार्जन केन्द्र है। इससे धान खरीदी की प्रक्रिया में तेजी आएगी। धान खरीदी केंद्रों पर किसानों के लिए कई तरह की सुविधाओं का इंतजाम करने के निर्देश दे दिए गए हैं। बैठक, पेयजल समेत कई तरह की सुविधाएं इसमें शामिल हैं।

टूटेंगे धान खरीदी के सारे रिकार्ड- साय
धान खरीदी की तारीख को लेकर चल रहे कयासों के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इस बार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के सभी पुराने रिकार्ड टूटेंगे। सरकार समय पर किसानों से धान खरीदेगी। उन्होंने कहा कि इस साल अच्छी बारिश हुई है, इसलिए फसल भी अच्छी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी पर पिछले दिनों मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक हुई थी। उसकी रिपोर्ट अब तक उनके पास नहीं पहुंची है। फिलहाल सरकार धान खरीदी को लेकर चाक-चौबंद तैयारियां कर रही है। इधर, खाद्यमंत्री दयालदास बघेल ने धान खरीदी को लेकर अफसरों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि गोदामों में भंडारण की गुणवत्ता और वजन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि ऐसा होता है तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

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