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नायब तहसीलदार का आदेश पटवारी को पड़ा भारी, इस मामले में कलेक्टर ने किया निलंबित

बेमेतरा ब्लॉक में ग्राम मजगांव में मंदिर की जमीन बिक्री के मामले में कलेक्टर की कड़ी फटकार के बाद एसडीएम बेमेतरा ने शुक्रवार को तत्कालीन पटवारी कुंदन सिंह एवं पटवारी हरिप्रिया साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस निलंबन के बाद जो दस्तावेज हाथ लगे हैं उसमें वर्तमान पटवारी का निलंबन पर सवालिया निशान है

जमीन बिक्री का मामला चार साल पुराना

पटवारी ने तो अपने उच्च अधिकारी के आदेश का केवल पालन किया है। पत्र क्रमांक 628 दिनांक 18 सितंबर को नायब तहसीलदार ने नक्शा खसरा देने का आदेश दिया। यदि उच्च अधिकारी के आदेश का पालन करना गुनाह है तो हरिप्रिया गुनहगार है अन्यथा की स्थिति में उसे न्याय मिलना चाहिए। मजगांव की जमीन बिक्री का मामला चार साल पुराना है।

विभाग करेगा असली चेहरा उजागर

 

विभाग करेगा असली चेहरा उजागर

क्रेता को झांसे में रखा गया या किसी जमीन दलाल ने दलदल में डाल दी यह तो जांच के बाद पता चलेगा।   लेकिन वर्ष 2020 के पूर्व जमीन से प्रबंधक का नाम किसके आदेश पर हटा, जब एसडीएम, कलेक्टर, कमिश्नर नामांतरण खारिज कर चुके थे तब किस सुपर मेन का पूर्व आदेश का पालन पर रिकार्ड दुरुस्त किया गया। फिलहाल विभाग तना में हाथ लगाया है, जड़ में जिस दिन जांच पहुंचेगा उस दिन असली चेहरा उजागर हो जाएगा।

बेमेतरा जिले में कांग्रेस को रिटर्न गिफ्ट

फिलहाल दो पटवारी के बाद नायब तहसीलदार पर विभाग क्या कदम उठाता है इंतजार करना होगा। यह मुद्दा बेमेतरा जिले में कांग्रेस को रिटर्न गिफ्ट मिला है। पूर्व में भाजपाई मंदिर जमीन बिक्री के मामले में पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा को घेरने में कोई कमी नहीं किए थे। अब तेरा तुझको अर्पण कर कांग्रेस पूछेगी राम मंदिर में क्या हुआ।

यदि मजगांव की जमीन की दूसरी बार रजिस्ट्री हुई है तो रजिस्टर ने रिकार्ड आनलाइन क्यों नहीं किया। पटवारी ने जब टीप लिख दी तो पंजीयक ने उसे नजरंदाज क्यों किया। क्या जिला प्रशासन पंजीयक के खिलाफ कोई कार्यवाही करता है इंतजार करना पड़ेगा।

सीलिंग एक्ट बनाम सीलिंग की जमीन

बेमेतरा ब्लाक में मजगांव से अधिक बड़ा मामला ग्राम झाल एवं अतरिया का है। राज्य में शराब कारोबार को लेकर चर्चा में आए एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के नाम पर अकेले  बेमेतरा जिले में 75 एकड़ के करीब जमीन खरीदी।

इस जमीन को प्रमाणीकरण किसने किया, सीलिंग एक्ट का उलंघन करते हुए जिस जिम्मेदारों ने यह किया उन पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई। यही नहीं इस क्षेत्र में भूमिहीनों को जो जमीन सीलिंग में मिली थी वह किस नियम से बिकी। गत चार वर्षो में जो कुछ हुआ हाल में जो हो रहा है इस पर स्पेशल जांच टीम की आवश्यकता है।

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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