रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मां-बेटी की शातिर जोड़ी ने एक पंडित को एम्स में पुजारी की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। पंडित को बताया कि एम्स परिसर में अयोध्या की तरह भव्य मंदिर बन रहा है और वहां नियमित पुजारी की नौकरी मिलेगी और 90 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन। पंडित उनकी बातों में आ गया और 11 लाख रुपए दे दिए। मां-बेटी ने 11 लाख लेने के बाद न तो नौकरी लगी और न रुपए मिले। इस मामले में शिकायत के बाद आमानाका पुलिस ने अपराध दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामलाआमानाका थाना क्षेत्र का है। कंचन विहार कालोनी डूमर तालाब रायपुर निवासी अजित कुमार मिश्रा ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि वह कंचन विहार कॉलोनी स्थित गौरीशंकर मंदिर में पुजारी का काम करता है। वर्ष 2020 मंदिर में आने-जाने के दौरान पुनम नेहाल और उसकी बेटी संजना नेहाल से मुलाकात हुई। इस दौरान उन्होंने खुद को एम्स अस्पताल में काम करना बताया। इसके साथ ही बड़े-बड़े अधिकारियों से पहचान होना बताया।
संजना निहाल ने पुजारी अजित मिश्रा से पूछा कि मंदिर से कितना कमा लेते हो। साथ ही कहा उसकी मां एम्स में नर्सिंग अधिकारी है उनका बड़े अधिकारियों से अच्छा संबंध है। वे सरकारी नौकरी लगवाते है। संजना बोली कि एम्स दिल्ली एवं रायपुर में मंदिर के पुजारी पद पर भर्ती निकली है। 90 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन है। दोनों मिलकर अजीत मिश्रा को विश्वास दिलाया कि एम्स में उसकी मंदिर के पुजारी का सरकारी नौकरी लगा देगी और इसके लिए खर्च करना पड़ेगा।
उनके झांसे में आकर माह जुलाई 2021 में अजीत मिश्रा 1 लाख 6 हजार रुपए पूनम और उसकी बेटी संजना को दिए। इसके बाद उसने कहा कि और कोई सदस्य हो तो एम्स में कम्प्यूटर आपरेटर का पद पर भी भर्ती करा सकते हैं। उनके कहने पर अजीत मिश्रा ने अपने रिश्तेदार प्रिया त्रिपाठी और निर्देश त्रिपाठी को नौकरी पर लगवाले 4 लाख 60 हजार व 5 लाख 50 हजार रुपए अलग-अलग किस्तों में पूनम व उसकी लडकी संजना निहाल दियाइस तरह 11 लाख 16 हजार रुपए नौकरी के लिए दिए।
इसके बाद पूनम निहाल ने बताया कि 8-10 माह में मंदिर बन जाएगा और उसे उपरान्त ज्वाईनिंग लेटर आ जायेगा। समय हो जाने के बाद जब उनसे संपर्क किया तो मार्च-2023 तक टालमटोल करती रही। शंका होने पर 8 अप्रैल 2023 को एम्स में जाकर अधिकारियों से संपर्क किया तो पता चला एम्स में कोई मंदिर नहीं बन रहा और पुजारी हेतु पद नहीं है और न ही कम्प्यूटर आपरेटर का पद निकला है। इसके बाद अजीत मिश्रा ने पूनम निहाल के संबंध में जानकरी ली तो पता चला कि वह वहां पदस्थ नहीं है।
यह पता चलने पर अजीत मिश्रा दोनों मां-बेटी से मिला और अपने पैसे वापस मांगे। पैसा वापस करने के लिये टालमटोल करते रहे। बार-बार बोलने पर प्रिया त्रिपाठी का 4 लाख वापस किया। बाकी 7 लाख 16 हजार अभी तक नही दिए। पूनम निहाल ने विश्वास दिलाने के लिये मुझे कोरा चेक इंडियन ओवरसीज बैंक का दिया। वहीं अजीत मिश्रा को ज्वाइंनिग लेटर का फार्म दिया गया। इसके बाद बाद अजीत मिश्रा ने आमानाका थाना पहुंचकर नौकरी के नाम पर ठगी का रिपोर्ट लिखाया। दोनों के खिलाफ धारा 420,34 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। शिकायत के बाद पुलिस ने ठग पुनम निहाल और उसकी बेटी संजना निहाल को गिरफ्तार न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।
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