छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सरकारी जमीन की हेरा फेरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिस पर शिकायत के बाद अब प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. कलेक्टर अवनीश शरण ने निजी कॉलोनाइजर को सरकारी जमीन में रास्ता देने वाले दो तहसीलदारों को निलंबित करने की अनुशंसा संभागायुक्त से की है.
ये है मामला
बिलासपुर के रहने वाले पंकज खंडेलवाल ने अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी और पूर्व पदस्थ नायब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल द्वारा कॉलोनाईजर को शासकीय भूमि से नियम के खिलाफ रास्ता देकर शासन को करोड़ों की क्षति पहुंचने के संबंध में शिकायत की गई थी. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम बनाई गई थी. जांच में ये बात सही पाई गई तो कलेक्टर ने इन दोनों ही अफसरों के निलंबन की अनुशंसा कर दी.
निजी कॉलोनी के लिए दे दिया रास्ता
तत्कालीन नायब तहसीलदार शेषनारायण जायसवाल ने निजी भूमि तक आने जाने के लिए आम रास्ता के उपयोग के लिए शर्तों के अधीन अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया. जबकि अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी ने आने-जाने हेतु 40 फीट चौड़ा रास्ता उपलब्ध कराया.
निलंबन की अनुशंसा
कलेक्टर ने संभागायुक्त को शशिभूषण सोनी अतिरिक्त तहसीलदार बेलगहना (तत्कालीन अतिरिका तहसीलदार बिलासपुर) एवं शेषनारायण जायसवाल तहसीलदार भरवाही जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही (तत्कालीन नायब तहसीलदार बिलासपुर) को निलंबित कर संबंधितों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित करने की अनुशंसा के साथ प्रतिवेदन भेजा है.