पटना. पटना जंक्शन पर एक व्यापारी से अवैध वसूली के आरोप में जीआरपी थानेदार पंकज कुमार समेत पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. राजेश कुमार सिन्हा को पटना जीआरपी की कमान सौंपी गई है. रेलवे की ओर से सभी आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. जिन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर, एसआई राकेश कुमार, एसआई संजय कुमार और एसआई राम चंद्र राम शामिल हैं.पूरा मामला 1 अगस्त 2024 का है. पश्चिम बंगाल के एक व्यापारी सोमनाथ नइया पटना जंक्शन पर हावड़ा के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. इसी दौरान स्टेशन पर एक आरक्षी ने उनसे अचानक उन्हें संदिग्ध मानकर पूछताछ शुरू कर दी. आरक्षी उन्हें जीआरपी थाने ले गया, जहां पर उनसे से कई तरह के सवाल पूछे गए. उन्हें जेल भेजने की धमकी दी गई. नइया बार-बार बेगुनाह होने की बात करते रहे लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी.पुलिसकर्मियों ने व्यापारी सोमनाथ से कहा कि वह उन्हें रिहा कर देंगे लेकिन 50,000 रुपये देने होंगे. सोमनाथ उस समय 20 हजार रुपये लिए हुए थे. उन्होंने जीआरपी पुलिसकर्मियों को रुपये दे दिए. फिर भी पुलिसकर्मियों ने उन्हें नहीं छोड़ा और बाकी 30,000 रुपये देने का दबाव बनाया. व्यापारी ने अपने एक रिश्तेदार से संपर्क किया और 19,000 रुपये ऑनलाइन मंगाकर पुलिसकर्मियों को दिए. इसके बाद ही उन्हें थाने से रिहा किया गया.जब वह पश्चिम बंगाल पहुंचे तो उन्होंने रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर 4 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही रेलवे पुलिस में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में इसकी जांच रेलवे डीएसपी पीके तिवारी को सौंपी गई. DSP पीके तिवारी ने जैसे ही जांच शुरू की पैसा वसूली करने वाला सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर मौके से फरार हो गया. जांच के दौरान डीएसपी ने सीसीटीवी फुटेज और लोगों के बयान समेत कई साक्ष्य जुटाए. उन्होंने अपनी जांच में मामले को सही पाया. जांच रिपोर्ट के आधार पर पटना जीआरपी प्रभारी पंकज कुमार, सब-इंस्पेक्टर राकेश कुमार, एएसआई रामचंद्र राम, सिपाही संजय कुमार और कृष्ण कुमार ठाकुर को सस्पेंड कर दिया गया.
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