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एमपी में निवेश के लिए तमिलनाडु में शुरू होंगे उद्योग, सीएम डॉ यादव ने तमिलनाडु के उद्योगपतियों को किया आमंत्रित

1200 से अधिक प्रतिनिधि हुए शामिल, 3500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए कोयम्बटूर तमिलनाडु में मध्यप्रदेश का एक उद्योग कार्यालय खोला जाएगा। यह कार्यालय मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के बीच व्यापार और व्यवसाय बढ़ाने के लिए सेतु का काम करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को कोयम्बटूर में इन्वेस्ट एमपी- इंटरेक्टिव सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट का एक उद्देश्य यह भी है कि व्यापार और व्यवसाय के आधार पर विभिन्न प्रदेश परस्पर नजदीक आएं और हम मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करें।

सीएम डॉ यादव ने यहां के उद्योगपतियों ने कोयम्बटूर और त्रिपुर को अपने बलबूते पर इंडस्ट्रियल हब के रूप में स्थापित किया है, अब मध्यप्रदेश आपको बुला रहा है, हम आपको व्यापार व्यवसाय बढ़ाने के नए अवसर देने और प्रेम बांटते हुए मध्यप्रदेश एवं तमिलनाडु के संबंधों को अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से यहां आए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दक्षिण भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र कोयम्बटूर में आयोजित “इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्टिव सत्र” का दीप प्रज्ज्वलित कर तथा तुलसी के पौधे में जल अर्पित कर शुभारंभ किया।

कोयम्बटूर टैक्सटाइल एवं गारमेंट, इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे औद्योगिक सेक्टर के लिए जाना जाता है। प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में तमिलनाडु के उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के उद्देश्य से कोयम्बटूर में रोड शो और निवेशकों व उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किया गया। सत्र में 1200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की तथा मध्यप्रदेश में निवेश के लिए 3500 करोड़ रुपए से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए।

उद्योग वर्ष के रूप मनाया जाएगा 2025

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी टैक्सटाइल एवं गारमेंट इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल एवं इंजीनियरिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उद्योगपतियों के लिए मध्यप्रदेश में निवेश कर अपने व्यापार-व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। मध्यप्रदेश में निवेश के हर पहलू का ध्यान रखा गया है। मध्यप्रदेश फ्यूचर रेडी प्रदेश है, यहाँ संभावनाओं के साथ सरकार का सहयोग एवं जनता का साथ है। आजादी के अमृतकाल को मध्यप्रदेश का भाग्योदयकाल बनाने के लिए हम प्रदेश के उद्योग धंधों को वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने के विजन पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना और विकास के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है। इस दिशा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के जरिये प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन की नई पहल शुरू की गई है।

प्रदेश में चल रही निवेश क्रांति का हिस्सा बनें तमिलनाडु के उद्योगपति

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल में 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। मैं आपको प्रदेश में चल रही निवेश क्रांति का हिस्सा बनने का निमंत्रण देने आया हूँ। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश में उपलब्ध अपार अवसरों का लाभ उठाते हुए विकसित भारत के साथ ही विकसित मध्यप्रदेश के विजन को साकार करने में आप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए राज्य का इको-सिस्टम अत्यंत अनुकूल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए राज्य का इको-सिस्टम अत्यंत अनुकूल है। वृहद श्रेणी के गारमेंट उद्योगों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में लागू विशेष रेडीमेड गारमेंट पॉलिसी में स्थाई पूंजी निवेश के 200 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। टैक्सटाइल इंडस्ट्री की बदलती जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन तैयार करने के लिए जबलपुर शहर में अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जा रही है और स्किल एवं क्लस्टर डेवलपमेंट में सहायता के लिए तिरूपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन के साथ भी एमओयू किया गया है। मध्यप्रदेश, देश में टैक्सटाइल और गारमेंट उद्योग को सर्वोत्तम वित्तीय लाभ का पैकेज दे रहा है। उन्होंने कहा कि कॉटन की उपलब्धता, सस्ती भूमि और आकर्षक वित्तीय लाभों के कारण देश की बड़ी टेक्सटाइल कंपनियाँ मध्य प्रदेश की तरफ आकर्षित हो रही हैं। यह गर्व का विषय है कि प्रदेश के धार जिले में पीएम मित्र इंटीग्रेटेट मेगा टैक्सटाइल पार्क को स्वीकृति मिली है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्रीज के 10 से अधिक ओईएम तथा 200 से अधिक ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं की उपस्थिति मध्यप्रदेश में है। कमर्शियल व्हीकल्स निर्माण के लिए जरूरी ओईएम तथा एनसीलरीस की भी कई बढ़ी छोटी इकाइयां कार्यरत हैं। प्रदेश में ऑटो सेक्टर के लिए आवश्यक सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे ‘इंडो जर्मन टूल रूम, इंदौर’, ‘द सेंट्रल फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टी

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