जमशेदपुर. झारखंड के उद्योगी नगर में सड़क किनारे, गांवों से आए लोग आजकल एक विशेष प्रकार की सब्जी बेच रहे हैं, जिसे वे ‘फुटकुन’ या ‘रुग्रा’ के नाम से जानते हैं. इसे लोग गोल छत्तू भी कहते हैं. यह सब्जी बरसात के मौसम में ही उपलब्ध होती है और इसकी अवधि 1 से 2 महीने की होती है. इसके स्वाद के सामने चिकन और मटन भी फेल हो जाती है.फुटकुन बनाने के लिए इसे पहले धोकर साफ किया जाता है. फिर इसे बीच से काटकर, गर्म तेल में प्याज और मसाला डालकर भुना जाता है. चिकन मसाला डालने से इसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है, जिसे लोग बड़े आनंद से खाते हैं. फुटकुन की कीमत प्रति किलो 300 से 400 रुपए के बीच होती है, जो इसकी प्राकृतिक उपलब्धता और लोकप्रियता को दर्शाता है. लोग इसका आनंद बस एक महीने तक ही उठा सकते हैं.जमशेदपुर के आसपास के गांवों से यह सब्जी आती है, जैसे हाता, हल्दीपोखर, सिनी, गम्हरिया आदि. इसके मिठासी स्वाद ने इसे इस इलाके के लोगों के दिलों में बसाया हुआ है. इस खास सब्जी का आनंद लेने के लिए बस बरसात के मौसम का इंतजार करते हैं, क्योंकि यही समय होता है जमशेदपुर में ‘फुटकुन’ का. इसमें विटामिन B12, विटामिन B3 , विटामिन सी, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक, विटामिन बी, आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फोलिक एसिड, कैल्शियम और प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है. फुटकुन लेने आई अनीता जी ने बताया कि यह काफी स्वादिष्ट होता है और पूरे साल इसे खाने के लिए इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि यह एक ऐसी सब्जी है जिसके स्वाद के सामने चिकन और मटन भी फेल हो जाती है.

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