छत्तीसगढ़

पब्लिक प्लेस में कांग्रेस कार्यालय: हाई कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर के पाले में डाली गेंद

बिलासपुर। न्यायधानी में पुराना बस स्टैंड में जिला कांग्रेस कमेटी को जमीन आवंटित करने के मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कलेक्टर बिलासपुर को कांग्रेस के अभ्यावेदन पर विधि अनुरूप कार्रवाई कर इसे निराकृत करने का निर्देश दिया है।

बिलासपुर निवासी रजनीश ताम्रकार ने अधिवक्ता किशन लाल साहू के जरिये जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस जर्जर के दौरान जिला प्रशासन ने शहर के पुराने बस स्टैंड स्थित जमीन को कांग्रेस कार्यालय हेतु आवंटित करने का निर्णय लिया था। जिस जमीन को पार्टी कार्यालय के देने का फैसला किया गया है पूर्व में भूमि उपयोग के सम्बंध में अलग ही व्यवस्था की गई है।

याचिका के अनुसार सार्वजानिक उपयोग के स्थल को किसी राजनीतिक दल को सौंप देना प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है।जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच को पूर्ववर्ती सरकार ने कोर्ट को बताया था कि ,.जमीन का आवंटन निगम अधिनियम नहीं बल्कि भू राजस्व संहिता के अनुसार केबिनेट से प्रस्ताव पास करते हुए किया गया था। निगम ने भी बताया था कि, राजस्व विभाग ने अपने नियमों के अधीन ही यह आवन्टन किया था।

याचिकाकर्ता ने कहा कि अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यस्थापन, शासकीय भूमि के आबंटन व वार्षिक भू भटक के निर्धारण, वसूली प्रक्रिया के सम्बन्ध में छ.ग. राजस्व पुस्तक परिपत्र के वर्तमान प्रविधानों में आंशिक संशोधन किया गया है। इसके अनुसार 7500 वर्गफुट तक की शासकीय भूमि के 30 वर्षीय पट्टे पर आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को होगा। 7500 वर्गफुट से अधिक शासकीय भूमि से 30 वर्षीय पट्टे पर आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यस्थापन का अधिकार राज्य शासन को होगा। . कलेक्टर द्वारा ऐसी शासकीय भूमि जिसकी लोक बाधा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा, लोक प्रयोजन पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न हो नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा अधिसूचित विकास योजना के अनुरूप हो का आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यस्थापन किया जा सकेगा।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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