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16 वें वित्त आयोग ने की पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा, बस्तर में तेजी से समग्र विकास का खींचा गया खाका

रायपुर। 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और आयोग के सदस्यों ने पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए पंचायतों के तेजी से समग्र विकास का खांका खींचा। बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में आयोजित बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों ने बस्तर के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

पंचायत प्रतिनिधियों के सुझावों पर वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री पनगढ़िया ने कहा कि 16 वें वित्त आयोग का कार्यकाल 2026-27 से 2030-31 तक प्रभावी रहेगा l इस अवधि को ध्यान में रख कर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरुप हमें विकास की आगामी कार्ययोजना तैयार करना है। उन्होंने बस्तर के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां जो सुझाव दिए गए हैं, वे सभी वित्त आयोग के कार्यक्षेत्र से संबंधित हैं तथा इन पर निश्चित ही कार्यवाही की जाएगी। पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा जनसरोकार से जुड़े ऐसे मुद्दों पर बात की गई, जिनका यथासंभव समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

बस्तर जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि 15 वें वित्त आयोग अन्तर्गत 90 प्रतिशत जनसंख्या एवं 10 प्रतिशत क्षेत्रफल के आधार पर आवंटन जारी किया जाता है। बस्तर जिला अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में आश्रित ग्राम एवं पारा दूर-दूर तक फैले हुए हैं, इस कारण क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए 16 वें वित्त आयोग अन्तर्गत 70 प्रतिशत जनसंख्या एवं 30 प्रतिशत क्षेत्रफल के आधार पर आबंटन प्रदाय किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा हमारा बस्तर संस्कृति से भरपूर है,चाहे देवगुड़ी हो. मेला, मंडई हो. बस्तर में इसकी अत्यधिक मान्यता है। इसे ध्यान में रखते हुए देवगुड़ी, मेला, मंडई एवं खेलकूद क्षेत्र के लिए भी आबंटन का प्रावधान किया जाना चाहिए।

बस्तर जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप ने कहा बस्तर में पेसा एक्ट लागू होने के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। 16 वें वित्त आयोग अन्तर्गत जनसंख्या, क्षेत्रफल के साथ-साथ नक्सल एवं पेसा जिले को अतिरिक्त आबंटन प्रदान करने की बात कही। साथ ही बस्तर की अधिकांश आबादी इन वन क्षेत्र में रहती है तथा अधिकांश आदिवासियों के आय का मुख्य स्त्रोत लघु वनोपज होता है। लघु वनोपज की सामग्री को वैल्यू एडिशन कर सह उत्पाद की श्रेणी में लाने की व्यवस्था करने हेतु अतिरिक्त आबंटन की व्यवस्था की जानी चाहिए।

इसके साथ ही अन्य पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बस्तर  जिले में पथरीली एवं पहाड़ी जमीन को देखते हुए कृषि एवं सिंचाई क्षेत्र में कार्य करने के लिए, पेयजल एवं स्वच्छता के सेक्टर की बाध्यता को समाप्त कर अन्य 09 थीम से सेक्टर चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करने, ऑनलाईन भुगतान प्रणाली के सरलीकरण, किसानों को सामूहिक फेंसिंग एवं नलकूप की स्थापना हेतु सहायता प्रदान करने, प्राकृतिक आपदा की स्थिति में तत्काल सहायता देने, ग्राम पंचायतों में अधोसंरचनाओं के विकास हेतु आश्रित ग्रामों के आधार पर आबंटन प्रदान करने के संबंध में सुझाव दिए गए।            

पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा अंचल के जनजाति संस्कृति के आस्था केन्द्र देवगुड़ी, मातागुड़ी, मृतक स्मारकों का संरक्षण करने, पर्यटन स्थलों में सुविधाओं का विकास करने के संबंध में भी सुझाव दिए गए। इसके साथ ही आधुनिक सूचना तकनीक के माध्यम से लोगों को त्वरित सेवा प्रदान करने के लिए भी आवश्यक उपकरण एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने के सुझाव दिए भी गए।

पुलिस महानिरीक्षक सुंदरदाज पी ने इस दौरान वामपंथियों से हुई जनहानि के साथ ही क्षेत्र के विकास में पड़े विपरीत प्रभाव के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने इसके साथ ही इस समस्या के निदान के लिए बनाई गई रणनीतियों के संबंध में भी बताया तथा क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, मूलभूत संरचना के लिए तेजी से कार्य किए जाने हेतु अतिरिक्त आर्थिक सहायता के संबंध में आयोग के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी।

कलेक्टर विजय दयाराम के. ने इस अवसर पर बस्तर की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक परिस्थितियों से अवगत कराते हुए वामपंथी उग्रवाद, तकनीकी, प्रशासनिक, आर्थिक भौगोलिक चुनौतियों के संबंध में भी जानकारी दी।  उन्होंने पंचायतों के आय के रुप में वित्त आयोग के अनुदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इसके साथ ही विगत वित्त आयोगों की राशि से बस्तर में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के संबंध में जानकारी भी दी तथा बस्तर में तेजी से विकास हेतु मानव संसाधन, सूचना तकनीकी उपकरण, अंचल के लिए विशेष सहायता तथा जनजातीय कल्याण के कार्य को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया।

अध्यक्ष ने प्रजेंटेशन की प्रशंसा कर व्यवस्थाओं को सराहा
केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया ने जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रजेंटेशन पूरी तरह से स्थानीय आधारभूत जरुरतों  पर केंद्रित कर तैयार किया गया था। प्रजेंटेशन से बस्तर को समझने के साथ ही विकास के आगे बढ़ाने वाले कदमों की जानकारी भी मिलती है। इसके साथ ही उन्होंने आउटकम डाटा को भी जिला स्तर में संग्रहण संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने इसके साथ ही आयोग के अध्ययन भ्रमण हेतु बेहतर व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए इस दौरान जिला प्रशासन तथा स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की सहभागिता को बस्तर के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।

कलेक्टोरेट परिसर में किया वृक्षारोपण
इस अवसर पर 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया सहित उपस्थित सदस्यों ने कलेक्टोरेट परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया। यहां आम, कदम, खम्हार आदि पौधे लगाए गए। इस दौरान आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पाण्डा, डॉ.सौम्यकांति घोष तथा आयोग के सचिव ऋत्विक पाण्डेय, संयुक्त सचिव कमल कुमार मिश्रा, संयुक्त संचालक राघवेन्द्र सिंह, कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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