रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पूछा मंत्रिमंडल का विस्तार कब कर रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र के पहले घोषणा करेंगे. दरअसल मौका था रायपुर के गायत्री नगर स्थिति जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा कार्यक्रम का. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व सीएम भूपेश बघेल दोनों ही भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना करने पहुंचे थे. इस बीच दोनों एक साथ बैठे. एक दूसरे का हालचाल जाना और दोनों के बीच औपचारिक बातचीत भी हुई.इसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मेरी सीएम विष्ण देव साय से मंत्रिमंडल को लेकर बात हुई है. मैंने उनसे पूछा मंत्रिमंडल का विस्तार कब कर रहे हैं. कम से कम संसदीय कार्य मंत्री बना दो. विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है. इस पर सीएम ने कहा है कि विधानसभा सत्र से पहले बनेगा. मेरी उनसे यह बात अनौपचारिक रूप से हुई थी. इधर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी स्पष्ट किया है कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होने वाला है. वहीं विधानसभा में मानसून सत्र की तैयारियों पूरी कर ली गई है.
अपने-अपने अंदाज में नजर आए भूपेश बघेल और सीएम साय
भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूर्व सीएम भूपेश बघेल अपने-अपने अलग अंदाज में नजर आए. एक मंच पर दोनों साथ बैठे हुए थे. अनौपचारिक चर्चा के बीच दोनों ने मेल मुलाकात की और हाल-चाल जाना. इस दौरान कृषि मंत्री राम विचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू समेत दूसरे नेता भी मौजूद थे.
राज्य में दो मंत्री पद हैं खाली
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री के 2 पद खाली हैं. इसमें एक पद पहले से खाली है, जबकि दूसरा पद स्कूल शिक्षा मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा के बाद खाली हुआ है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगातार अटकलें का दौर चल रहा है. 22 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मंत्रिमंडल का विस्तार कर देंगे.
राजेश मूणत: रायपुर पश्चिम के विधायक हैं. 3 बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ भाजपा के अनुभवी नेताओं में गिनती होती है.
2. पुरंदर मिश्रा: रायपुर उत्तर विधानसभा से पहली बार के विधायक हैं. संगठन में अच्छी पकड़ है. ओडिशा चुनाव में संगठन द्वारा दी गई जिम्मेदारी पूरा खरे उतरे.
3. गजेंद्र यादव: दुर्ग शहर से पहली बार के विधायक हैं. संघ और संगठन में पकड़ है. दुर्ग जिले में कोई मंत्री नहीं है.
4. किरण सिंह देव: जगदलपुर से पहली बार विधानसभा लड़े और जीते. छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. फिलहाल बस्तर में एक ही मंत्री हैं.
5. अमर अग्रवाल: बिलासपुर से विधायक हैं. 5 बार के विधायक, 3 बार कैबिनेट मंत्री रहे. कई महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं. संगठन में पकड़ है.
6. अजय चंद्राकर : कुरूद से विधायक है। वरिष्ठ और अनुभवी हैं। भाजपा सरकार में मंत्री रहने रहते हुए कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं। संसदीय कार्य के जानकारी माने जाते हैं
7. धरमलाल कौशिक: 4 बार के विधायक, विधानसभा अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष समेत बड़ी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं
गुरु खुशवंत साहेब: आरंग से पहली बार के विधायक हैं. सतनामी समाज में अच्छी पकड़ है. बलौदा बाजरा के घटना क्रम के बाद मौका मिल सकता है.
9. लता उसेंडी: कोंडागांव में विधायक हैं पूर्व मंत्री रहीं है. महिला आदिवासी नेता के तौर पर जानी जाती हैं. जातिगत समीकरण में भी आदिवासी चेहरे के तौर पर नाम है. फिलहाल बस्तर में एक ही मंत्री है