पूर्णिमा का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा श्री हरि और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक उपासना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी। लेकिन व्रत 21 जून को किया जाएगा।
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