नई दिल्ली:
भारत इस सप्ताहांत प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में संभवत: श्रीलंका और बांग्लादेश सहित अपने कई पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित करेगा. शपथ ग्रहण समारोह के लिए जिन देशों के नेताओं को न्योता भेजा गया है, उससे पाकिस्तान और चीन को मिर्ची लगना तय माना जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा लोकसभा चुनावों में 293 सीट जीतने के बाद मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में इन देशों के नेता होंगे शामिल
सूत्रों ने बताया कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किए जाने वाले विदेशी नेताओं में बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के मीडिया प्रभाग ने बताया कि मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है. उसने कहा कि विक्रमसिंघे ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया और उन्होंने मोदी को चुनावी जीत की फोन के जरिये बधाई दी.
पीएम मोदी ने बांग्लादेश की पीएम से फोन पर बातचीत की
मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी फोन पर बातचीत की. राजनयिक सूत्रों ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने हसीना को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ को भी मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा.
औपचारिक निमंत्रण बृहस्पतिवार से भेजे जाएंगे
मोदी ने ‘प्रचंड’ से भी फोन पर बातचीत की. सूत्रों ने बताया कि औपचारिक निमंत्रण बृहस्पतिवार को भेजे जाएंगे. प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के नेता शामिल हुए थे. मोदी 2019 में जब लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तब उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेता शामिल हुए थे.
आठ जून को मोदी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह संभावित
मोदी के आठ जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है. भाजपा को चुनावों में अपने दम पर बहुमत नहीं मिल सका, लेकिन पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 543 में से 293 सीटें हासिल कीं. निचले सदन में बहुमत का आंकड़ा 272 है.
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