दुनियाभर की एक बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चेदानी में गांठ की समस्या से जूझ रही हैं. यूटरस के अंदर बच्चेदानी में बनने वाली मांसपेशियों के ट्यूमर को फाइब्रॉयड्स (रसौली) कहा जाता है. मेडिकल भाषा में इसे लियोमायोमा भी कहा जाता है. फाइब्रॉयड्स की समस्या ज्यादातर डिलीवरी के समय होती है. वैसे तो यह गांठ कैंसर वाली गांठ से अलग होती है, लेकिन समय पर इलाज न लेने से इसका साइज बढ़ने लगता है, जिससे सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. फाइब्रॉयड का जोखिम महिलाओं में मेंस्ट्रुएशन शुरू होने बाद होता है. दवा और सर्जरी रसोली की समस्या से निजात दिला सकते हैं, ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ फलों के सेवन से भी फाइब्रॉयड ट्यूमर तेजी से सिकुड़ सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही फलों के बारे में-
फाइब्रॉयड ट्यूमर को तेजी से घटाते हैं ये 5 फल
सेब: क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार, पेक्टिन से भरपूर सेब शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है. इसके सेवन से बच्चेदानी में गांठों का ग्रोथ रुकता है. साथ ही, नियमित सेवन से फाइब्रॉयड का रिस्क भी तेजी से कम हो सकता है.
बेरीज: ब्लूबेरी, शहतूत, रास्पबेरी और अंगूर में नेचुरल रेस्वेराट्रोल होता है. वहीं स्टडी से पता चलता है कि रेसवेराट्रोल कोशिका वृद्धि और गर्भाशय फाइब्रॉइड कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं.
संतरा: विटामिन सी से भरपूर संतरा जैसे खट्टे फल ना सिर्फ फाइब्रॉएड की ग्रोथ को रोकते हैं. बल्कि इससे होने वाले फर्टिलिटी संबंधित परेशानी को भी करने का काम करते हैं. हर दिन एक से दो खट्टे फल खाने वाली महिलाओं में फाइब्रॉएड का रिस्क दूसरी महिलाओं की तुलना में कम होता है.अमरूद: अमरूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन और डाइटरी फाइबर से भरपूर जो इसे फायब्रॉएड के मरीजों के लिए फायदेमंद बनाता है. इसका सेवन गांठ के ग्रोथ को रोकने में कारगर माना जाता है. साथ ही इसकी पत्तियों का जूस पीरियड्स क्रैंप्स से राहत पाने के लिए यूज किया जा सकता है