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गगसीना के 22 वर्षीय युवक की ऑस्ट्रेलिया में चाकू गोदकर हत्या, स्टडी वीजा पर गया था, सीने में किए वार

करनाल के मुनक क्षेत्र के गगसीना गांव के एक युवक की ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में चाकुओं से सीने पर तीन वार कर हत्या करने का मामला सामने आया है। परिजनों ने घरौंडा के बसताड़ा गांव के दो युवकों पर हत्या करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में ही रह रहे बीजणा और बसताड़ा गांव के चार लड़कों की आपस में लड़ाई हो गई है। ऐसे में जब युवक उनमें बीच-बचाव करा रहा था तो उसी समय बसताड़ा गांव के दो युवकों ने चाकुओं से वार कर उसकी हत्या कर दी। युवक के मृत होने की सूचना मिलने पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।वहीं परिजनों ने सरकार से बेटे के शव को भारत लाने में मदद करने की गुहार लगाई है। मृतक युवक के पिता जितेंद्र संधू ने बताया कि उसका 22 बेटा नवजीत सिंह संधू गांव से स्टडी वीजा पर नवंबर 2022 में ऑस्ट्रेलिया गया था। पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करता था। बसताड़ा गांव के दो युवक एक कमरे में रहते थे।दो दिन पहले बीजना गांव के स्वर्ण व रिषभ नवजीत के पास आकर रहने लगे। रात के समय जब वे खाना खा रहे थे तो उसी दौरान बसताड़ा गांव के लड़के का फोन आया कि वे अपना सामान उनके यहां से उठाकर ले जाएं। नवजीत के पास गाड़ी थी तो वे दोनों उसे भी अपने साथ ले गए।

आरोप लगाया कि स्वर्ण और रिषभ अपना सामान उठाने के लिए कमरे में गए तो वहां पर बसताड़ा गांव के दो लड़के अभिजीत व पंकज नशे में थे और उनके साथ हाथापाई करने लगे। काफी देर होने के बाद भी जब दोनों कमरे से बाहर नहीं आए तो नवजीत गाड़ी से उतर कर अंदर गया तो वहां पर एक युवक ने स्वर्ण व रिषभ पर वार कर रहा था। जब नवजीत उनमें बीच-बचाव करने लगा तो उसी समय एक युवक ने उसके सीने पर तीन बार वार किए। जिससे उसकी मौत हो गई। 

लंदन में रह रहे युवक ने परिजनों को दी सूचना
नवजीत की मौत की सूचना गुरमीत ने शुभम निवासी बल्ला गांव के जो फिलहाल लंदन में रह रहा है। उसे फोन कर सारी जानकारी दी। जिसके बाद शुभम ने नवजीत के पिता को कांफ्रेंस पर लेकर सारी बात बताई। जैसे ही सूचना उन्हें लगी तो परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे में गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों की मांग है कि उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए। जिन्होंने उसके लड़के के साथ यह घटना की उन्हें सजा मिलनी चाहिए। वहीं उसके बेटे के शव को भारत लाया जाए ताकि परिवार उसका अंतिम संस्कार कर सके।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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