धर्म

वैशाख अमावस्या पर बन रहे 3 शुभ योग, ऐसे करें पितरों की पूजा; खुश होकर भर देंगे झोली

उज्जैन. धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख के महीने की शुरुआत 24 अप्रैल से हो चुकी है. हिंदू धर्म में वैशाख के महीने को बाकी सब महीनों में श्रेष्ठ माना जाता है. इसी कारण वैशाख के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को भी महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है.

वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वैशाख अमावस्या का पावन पर्व मनाया जाता है. इस बार अमावस्या पर तीन शुभ योग्य बन रहे हैं. इस समय किया गया दान- पुण्य सीधा पितरों को मिलता है. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य रवि शुक्ला से जाने विस्तार से.

वैशाख अमावस्या 2024 तिथिवैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 7 मई 2024 दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 40 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन 8 मई 2024 बुधवार को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर समापन होगा. ऐसे ​में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, वैशाख अमावस्या 8 मई बुधवार को होगी और दर्श अमावस्या 7 मई को है.वैशाख अमावस्या पर बन रहे 3 शुभ योग8 मई को वैशाख अमावस्या के अवसर पर 3 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहे हैं. इस दिन सौभाग्य योग सुबह से लेकर शाम के 5 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. इसके बाद से शोभन योग की शुरुआत होगी, ये योग पूरी रात तक रहेगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 1 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगा, और ये अगले दिन 9 मई की सुबह 5 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.

वैशाख अमावस्या का महत्ववैशाख माह में जल का दान महत्वपूर्ण माना गया है. जल दान करने से व्यक्ति को तीर्थ करने के समान पुण्य मिलता है. इस वजह से वैशाख अमावस्या के दिन आप लोगों को पानी पिलाएं, राहगीरों के लिए प्याऊ की व्यवस्था कराएं. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और जल अर्पित करें. त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

ऐसे करें पितरों को प्रसन्न…– ऐसा माना जाता है कि वैशाख अमावस्या के दिन पितृ स्तोत्र व श्रीमद्भागवत कथा का पाठ करना या सुनना चाहिए. ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में शुभता का आगमन होता है. यह दिन विष्णु पूजन के लिए भी विशेष माना जाता है.वैशाख अमावस्या पर जीव जंतु की सेवा भी करना चाहिए. जैसे गाय, कौआ, कुत्ता, ​चिड़िया आदि जीवों को भोजन व पानी का प्रबंध करें. ऐसा कहा जाता है कि इससे वे तृप्त होते हैं. साथ ही पितर भी खुश होते हैं. इसलिए कोशिश करें कि इन जीवों को इस दिन कुछ न कुछ जरूर खिलाएं. ताकि आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल सके.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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