नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक इस पर दोनों पार्टियों से जवाब मांगा है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाने और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग ने इस मामले में जन प्रतिनिधि कानून की धारा 77 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है और दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लेनी होगी।
पीएम मोदी के इस भाषण पर कांग्रेस को आपत्ति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते दिनों राजस्थान में एक रैली के दौरान कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों में बांट देगी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक पुराने बयान का जिक्र किया। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग इस भाषण के साथ ही अन्य भाषण को जोड़ते हुए 140 पन्नों में 17 शिकायतें दर्ज कराई।
इध्र भाजपा ने भी 22 अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में भाजपा ने कहा था कि राहुल गांधी देश में गरीबी बढ़ने का झूठा वाद कर रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी ने भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश में विभाजन पैदा करने और चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।
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