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पटाखा दुकानों को लेकर नई गाइडलाइन जारी, टीन की शेड अनिवार्य… दुकानों के बीच की दूरी भी तय

दुर्ग। आगामी दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुए शासन द्वारा अग्नि सुरक्षा उपायों के संबंध में बरती जाने वाली सावधानियों से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किये गए है। नगर सेना दुर्ग के जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी नागेन्द्र कुमार सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त एडवायसरी में कहा गया है- पटाखा दुकाने किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा, बांस, रस्सी टेंट इत्यादि का न होकर, अज्वलनशील सामग्री से बने टिन शेड द्वारा निर्मित होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि दुकाने एक दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी (साइड) पर एवं एक दूसरे के सामने न बनाई जाए। पटाखा दुकानों में प्रकाश व्यवस्था हेतु किसी भी प्रकार के तेल का लैंप गैस लैम्प एवं खुली बिजली बत्ती का प्रयोग प्रतिबन्धित है। किसी भी पटाखा दुकान से 50 मीटर के अंदर आतिशबाजी प्रदर्शन प्रतिबन्धित रहेगी। विद्युत तारों में ज्वाइंट खुला नहीं होना चाहिए एवं प्रत्येक मास्टर मास्ट स्विच में फ्युज या सर्किट ब्रेकर लगा होना चाहिए, जिससे शार्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वतः बन्द हो जाए। दुकानें ट्रांसफार्मर के पास न हो और उनके ऊपर से हाई टेंशन पावर लाइन न गुजरती हो। प्रत्येक पटाखा दुकान में 5 किग्रा क्षमता का डीसीपी अग्नि शामक यन्त्र होना चाहिए। इसकी मारक क्षमता 6 फीट की होती है।

दुकानों के सामने कुछ अंतराल में 200 लीटर क्षमता के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ होनी चाहिए। पटाखा दुकानों के सामने बाइक /कार की पार्किंग प्रतिबंधित होना चाहिए। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर, दुकान परिसर के कुछ स्थानों में लगाया जाए। अग्निशमन वाहन के मूवमेंट के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए। आगामी दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुए शासन द्वारा अग्नि सुरक्षा उपायों के संबंध में बरती जाने वाली सावधानियों से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किये गए है। जांच के दौरान नियमों का पालन नहीं करने पर छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन नियमावली 2021 के तहत् कार्यवाही की जाएगी।

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क्या करें

सायरीस प्राप्त विक्रेताओं से ही खरीदें। यह सुनिश्चित करें कि आप गुणा वाले पटाखे खरीद रहे हैं जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए अनुमोदित हो। इमारतों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर पार्क बड़े मैदान जैसे खुले स्थानों में पटाखे जलाएं। पटाखे जलाते समय संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए पानी की बाती निकट रखे। आग से संबंधित चोटों के जोखिम को कम करने के लिए सूती वस्त्र पहनने को प्राथमिकता दें, क्योंकि सिंथेटिक कपडे आसानी से आग पकड़ सकते है। पटाखे जलाते समय बच्चों की निगरानी के लिए हमेशा एक व्यस्क को साथ रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे है। पटाखे फोड़ने के बाद इस्तेमाल किए गए पटाखों का पानी की बाल्टी में सुरक्षित तरीके से निपटान करें, ताकि किसी बची हुई चिंगारी से अग्नि दुर्घटना ना हो। एक बार में एक ही पटाखा जलाएं, आग लगने की आशंका को देखते हुए एक साथ कई पटाखे जलाने से बचें। पटाखे में आग लगाने के बाद उससे सुरक्षित दूरी रखें। पटाखे जलाते समय हमेशा हवा की दिशा को ध्यान में रखें, जिससे कि उसकी चिंगारी घरों या व्यक्तियों की ओर न उड़े।

क्या ना करें

घर के अन्दर खिड़कियों के पास या अन्य बंद स्थानों पर कभी पटाखे ना जलाएं। पटाखे जलाते समय ढीले या लटकने वाले वस्त्र पहनने से बचें क्योंकि वे आसानी से आग पकड़ सकते है। ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का उपयोग ना करें, पटाखों को सूखी पत्तियों, गैस सिलेण्डर या वाहनों जैसी वस्तुओं से दूर रखें। यदि कोई पटाखा जलने में विफल रहता है तो उसे पुनः जलाने का प्रयास ना करें, अपितु कुछ देर प्रतीक्षा करने के उपरांत उसका सुरक्षित रूप से निपटान करें। यह सुनिश्चित करें कि पटाखे ऐसे स्थानों में न जलाए जाएं जो आग लगने की स्थिति में आपातकालीन निकास मार्ग को अवरूद्ध कर सकते है। तेल के दियों या मोमबत्तियों को जलते हुए उपेक्षित ना छोड़ें, विशेष रूप से पर्दा या ज्वलनशील पदार्थों के पास। किसी भी तरह की चोट लगने या जलने पर तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें तथा उचित मार्गदर्शन के बिना घरेलू उपचार ना करें।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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