रायपुर। सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पीएससी एग्जाम 2020-2021 घोटाले मामले में रिटायर्ड आईएएस समेत पांच आरोपियों को हिरासत में लिया है। लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक रही आरती वासनिक, पीएससी के सचिव रह चुके पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, समेत निशा कोसले, दीपा आदिल को हिरासत में लेकर स्पेशल कोर्ट में पेश किया। मामले में पूछताछ कर रही है।
इससे पूर्व भी सीबीआई ने वासनिक को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। इस घोटाले में पहले ही सात लोगों गिरफ्तार किये गये थे। सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पॉवर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था। फिर पांच और आरोपियों को अरेस्ट किया था। इन पांच आरोपियों में नितेश सोनवानी और ललित गणवीर शामिल हैं। 12 जनवरी को शशांक गोयल, भूमिका कटियार और साहिल सोनवानी को गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में सभी आरोपी जेल की सजा काट रहे हैं।
जानिए क्या है सीजीपीएससी घोटोला
यह मामला सीजीपीएससी की भर्ती प्रक्रिया 2020-2022 के बीच हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में योग्य अभ्यर्थियों की उपेक्षा कर प्रभावशाली राजनेताओं और सीनियर ऑफिसर्स के रिश्तेदारों, उनके करीबियों और परिजनों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया था। इससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे। इस घोटाले मामले में श्रवण कुमार गोयल ने अपने बहू और बेटे को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयन कराने के लिये सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को कथित रूप से 45 लाख रुपये रिश्वत के रूप में दिये थे। आरोप है कि उन्होंने ग्रामीण विकास समिति के माध्यम से दो किश्तों में 20 लाख और 25 लाख रुपये कथित रूप से रिश्वत राशि का भुगतान किया था। ये रिश्वत गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटारिया का छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उप जिलाधिकारी के रूप में चयन करने के लिये दी गई थी।
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