छत्तीसगढ़

कबीरधाम को मिली न्याय की नई शक्ति, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने किया फॉरेंसिक लैब का शुभारंभ

कबीरधाम को मिली न्याय की नई शक्ति, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने किया फॉरेंसिक लैब का शुभारंभ

क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला से अपराधियों पर कसेगा शिकंजा, पीड़ितों को मिलेगा त्वरित न्याय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयासों से कबीरधाम को बड़ी सौगात

कवर्धा को मिली नई पहचान : अब अपराध अनुसंधान में होगा वैज्ञानिक सहयोग-श्री विजय शर्मा

क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला से अपराध पीड़ितों को त्वरित न्याय का मिलेगा लाभ

कवर्धा, 06 सितंबर 2025। कबीरधाम जिले के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बनाते हुए उपमुख्यमंत्री, गृहमंत्री व कवर्धा विधायक श्री विजय शर्मा ने जिलेवासियों को एक बड़ी सौगात दी। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज कवर्धा में प्रदेश की 5वीं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा के निरंतर प्रयासों से साकार हुआ यह महत्वपूर्ण कदम न केवल कबीरधाम जिले के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। इस प्रयोगशाला की स्थापना से अपराध जांच की प्रक्रिया और अधिक वैज्ञानिक, पारदर्शी तथा त्वरित होगी, साथ ही न्यायिक कार्यवाही को नई दिशा और मजबूती मिलेगी। यह प्रयोगशाला आने वाले समय में प्रदेश में अपराध नियंत्रण और न्याय व्यवस्था सुदृढ़ करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर पंडरिया की विधायक श्रीमती भावना बोहरा, पूर्व संसदीय सचिव डॉ सियाराम साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व जिला पंचायत सभापति श्री रामकुमार भट्ट, नगर पालिका अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुषमा गणपत बघेल, विशेष कर्तव्यस्त अधिकारी श्री सुशील द्विवेदी, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र छवई, डॉ. चन्द्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री व कवर्धा विधायक विजय शर्मा ने शुभारंभ के अवसर पर कहा कि फॉरेंसिक विज्ञान आज आधुनिक अपराध जांच की रीढ़ बन चुका है। हत्या, बलात्कार, लूट, साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर मामलों में अब केवल पारंपरिक तरीकों से न्याय पाना संभव नहीं है। आज के दौर में वैज्ञानिक साक्ष्य ही अपराधियों को बेनकाब करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने का सबसे सशक्त माध्यम बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर छोड़ा गया डीएनए का अंश, खून का एक छोटा सा धब्बा, बाल का तंतु, जूतों के निशान, बारूद के कण या फिर डिजिटल उपकरणों में छिपा डेटा, यही सबूत अपराधियों तक हमें पहुंचाते हैं और अदालत में उन्हें कठोर सजा दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने आगे बताया कि कबीरधाम जिले में स्थापित यह अत्याधुनिक क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला हमारी जांच व्यवस्था को नई गति और सटीकता प्रदान करेगी। यहां उपलब्ध आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षित वैज्ञानिक अधिकारी हर तरह के अपराध की जांच को और अधिक मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस प्रयोगशाला के माध्यम से न केवल अपराधियों पर शिकंजा कसना आसान होगा, बल्कि आम जनता का न्याय व्यवस्था पर भरोसा और भी मजबूत होगा। यह प्रयोगशाला कबीरधाम ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के लिए न्याय और सुरक्षा की नई उम्मीद लेकर आई है। इस प्रयोगशाला की स्थापना से कबीरधाम जिले व आस-पास के जिलों में अपराधों के साक्ष्यों की त्वरित जांच की सुविधा मिलेगी साथ ही कानून व्यवस्था सुदृढ़ होगी और आम जनता में कानून के प्रति और विश्वास बढ़ेगा साथ ही न्यायिक प्रक्रिया न केवल तेज होगी बल्कि अधिक पारदर्शी होगी।
पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में और उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के अथक प्रयासों से प्रदेश में सामाजिक न्याय को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अपराधों से संबंधित साक्ष्यों का अब वैज्ञानिक आधार पर परीक्षण होगा, जिससे दोषियों को त्वरित और निश्चित सजा दिलाना संभव होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला केवल अपराध जांच की प्रक्रिया को गति नहीं देगी, बल्कि समाज में न्याय और समानता की भावना को और अधिक सशक्त करेगी। वैज्ञानिक तकनीक के इस्तेमाल से निर्दोषों की बेगुनाही शीघ्र सिद्ध होगी और अपराधियों को कठोर दंड मिलेगा। इससे न्यायपालिका पर जनता का विश्वास बढ़ेगा और समाज में शांति व सुरक्षा की भावना और प्रबल होगी। विधायक श्रीमती बोहरा ने इसे कबीरधाम के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि कबीरधाम की यह प्रयोगशाला आने वाले समय में न केवल जिले, बल्कि आसपास के सभी जिलों के लिए भी न्याय और सुरक्षा का मजबूत आधार बनेगी।
विशेष कर्तव्यस्त अधिकारी पुलिस मुख्यालय छ ग. श्री सुशील द्विवेदी ने कहा कि कवर्धा विधायक व उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि अपराध जांच को केवल गवाहों या पारंपरिक तरीकों पर निर्भर नहीं होना चाहिए, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उनके नेतृत्व में प्रदेश की सभी प्रयोगशालाओं को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पुलिस विभाग के अलावा आबकारी, वन विभाग, एसीबी, एफओडब्ल्यू और केंद्रीय एजेंसियों के प्रकरण भी राज्य की प्रयोगशालाओं में जांचे जा सकें।

प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने का ऐतिहासिक कदम

कबीरधाम प्रयोगशाला की शुरुआत से जिला स्तर पर स्थापित सीन ऑफ क्राइम यूनिटों की कार्यक्षमता भी और बढ़ेगी। अब घटनास्थल पर ही वैज्ञानिक मार्गदर्शन और तकनीकी सहयोग मिल सकेगा, जिससे जांच में चूक की संभावना समाप्त होगी। यह कहना अनुचित न होगा कि कबीरधाम जिले में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने का ऐतिहासिक कदम है। यह प्रयोगशाला आने वाले वर्षों में अपराध नियंत्रण और न्याय दिलाने की प्रक्रिया को कारगर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री रोशन दुबे, डॉ बीरेंद्र साहू, मनीराम साहू, विदेशी राम धुर्वे, जनपद उपाध्यक्ष श्री गणेश तिवारी, श्री सुरेश दुबे, श्रीकांत उपाध्याय,समस्त पार्षद गण नगरपालिका कवर्धा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, पत्रकार गण उपस्थित थे।

कवर्धा में प्रयोगशाला शुरू होने से बेमेतरा, खैरागढ़ और मुंगेली जिलों को मिलेगा सीधा लाभ

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बताया कि इस प्रयोगशाला की स्थापना का सीधा असर प्रदेश की अपराध न्याय प्रणाली पर पड़ेगा। अब पुलिस विवेचकों को समय पर जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो सकेगी, जिससे अदालतों में दोषसिद्धि दर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाना संभव होगा और समाज में जहां कानून का विश्वास मजबूत होगा, वहीं अपराध का भय भी और गहरा होगा। उन्होंने कहा कि अब तक छोटे जिलों से जुड़े मामलों की जांच के लिए नमूनों को बड़े शहरों की प्रयोगशालाओं में भेजना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की भारी खपत होती थी। लेकिन कबीरधाम में प्रयोगशाला शुरू होने से न केवल जिले को, बल्कि बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और मुंगेली जिलों को भी सीधा लाभ मिलेगा। स्थानीय स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध होने से न्यायिक प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और प्रभावी बनेगी।
समाचार क्रमांक-961/निखलेश फोटो/01-09

Manoj Mishra

Editor in Chief

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