महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह तीन से छह साल के बच्चों के देखभाल और शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम शुरू करेगा। यह कब शुरू होगा इसकी समयसीमा अभी घोषित नहीं की गई है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जन्म से तीन साल तक के बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह तीन से छह साल के बच्चों के देखभाल और शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम शुरू करेगा। यह कब शुरू होगा इसकी समयसीमा अभी घोषित नहीं की गई है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जन्म से तीन साल तक के बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।
यह बच्चों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंत्रालय ने कहा कि मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास छह साल की उम्र से पहले हो जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों की देखभाल और शिक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास करना है। इसमें एक सुरक्षित वातावरण, पोषण संबंधी सहायता और समग्र विकास गतिविधियां सुनिश्चित करना शामिल है।
पालना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) योजनाओं से प्रेरित मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी पहल के तहत, मंत्रालय का लक्ष्य छह साल से कम उम्र के बच्चों और की माताओं को व्यापक देखभाल सहायता प्रदान करना है। बच्चों की शुरुआती देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम विकास के सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखा गया है। खेल और आनंद आधारित गतिविधियों के माध्यम से योग्यता आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना है।