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एमपी के वरिष्ठ अफसरों के दायित्वों में बड़ा फेरबदल, मुख्य सचिव का एक दावेदार कम हुआ

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। उन्हें एक्सटेंशन मिलने की अटकलें हैं हालांकि इस पद के लिए कई अन्य अफसरों के नाम भी चल रहे हैं। सीएस अनुराग जैन के रिटायरमेंट की स्थिति में प्रदेश के मुख्य सचिव पद के लिए 3-4 बड़े दावेदार थे जिनमें केंद्र में पदस्थ एमपी कैडर की आईएएस अलका उपाध्याय का नाम भी शामिल था। केंद्र ने शुक्रवार को उन्हें नया दायित्व दे दिया। माना जा रहा है कि इस बदलाव के साथ ही एमपी के सीएस पद के लिए एक दावेदार कम हो गया है।

केंद्र सरकार ने एमपी कैडर के 2 IAS अफसरों के दायित्व में फेरबदल कर दिया है। सचिव स्तर की तेजतर्रार महिला अफसर अलका उपाध्याय को अब अल्पसंख्यक मंत्रालय में भेजा गया है। एमपी कैडर के एक अन्य आईएएस वीएल कांताराव को जल शक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।

एमपी के सीएस पद की दावेदारी मुश्किल

केंद्र में पदस्थ एमपी कैडर के दो अधिकारियों की​ जिम्मेदारियों में बदलाव के फैसले का अलका उपाध्याय पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। कहा जा रहा है कि इससे उनकी एमपी के सीएस पद की दावेदारी मुश्किल में पड़ गई है। मुख्य सचिव अनुराग जैन के रिटायरमेंट के बाद इस पद के लिए अलका उपाध्याय तगड़ी दावेदार बताई जा रहीं थीं। नए मुख्य सचिव की दौड़ में अब अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और अशोक बर्णवाल का नाम प्रमुख है।

केंद्र द्वारा जारी आदेश में अलका उपाध्याय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का सचिव बनाया गया है। वे अभी पशुपालन और डेयरी विभाग में केंद्रीय सचिव हैं। इसी तरह वीएल कांताराव को डिपार्टमेंट ऑफ वाटर रिसोर्सेस रिवर डेवलपमेंट एंड गंगा रेजुविनेशन जल शक्ति मंत्रालय में भेजा गया है। एमपी कैडर के ये अफसर अभी केंद्रीय खान मंत्रालय में सचिव हैं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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