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पेपरलेस ई-पंजीयन वाला पहला राज्य बना मध्यप्रदेश, मिलेगा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार

ई-पंजीयन के लिए शुरू किए गए संपदा 2.0 सॉटवेयर की पहल को वर्ष 2025 का राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार में स्वर्ण श्रेणी का सम्मान मिला है। भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा यह पुरस्कार घोषित किया गया है। यह सम्मान 28वें नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ई-गवर्नेंस में प्रदान किया जाएगा। घोषणा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे एवं पुष्टिकरण की तीन-स्तरीय प्रक्रिया के बाद की गई है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने उपलब्धि पर प्रदेशवासियों, वाणिज्यिक कर विभाग, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक तथा परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी। कहा कि संपदा 2.0 ने मध्यप्रदेश को डिजिटल भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनाया है। उप मुयमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी इस उपलब्धि को भूमि प्रबंधन में विभाग की एक ऐतिहासिक पहल बताया और प्रदेशवासियों को बधाई दी। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर अमित राठौर ने भी संपदा की टीम को बधाई दी है।

75 दस्तावेजों की रजिस्ट्री के लिए आने की जरूरत नहीं

  • भारतीय स्टाप अधिनियम के अंतर्गत लगभग 140 प्रकार के दस्तावेजों में से 75 दस्तावेजों का वीडियो केवायसी के माध्यम से फेसलेस पंजीयन किया जा रहा है।इसमें सब रजिस्ट्रार कार्यालय आने की जरूरत नहीं है।
  • संपदा 2.0 में जीआइएस तकनीक सहित अत्याधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हैं। कोई भी व्यक्ति कहीं से भी, कभी भीई-स्टाप प्राप्त कर सकता है।
  • ऐप से किसी भी क्षेत्र की गाइडलाइन दरें तत्काल देखी जा सकती हैं।
  • पक्षकारों व संपत्ति की पहचानआधार ई-ओथ एवं ई-केवाईसी के माध्यम से की जाती है।
  • संपत्ति का विवरण संबंधित विभाग से सीधे एकीकृत कर लिया जाता है।
  • – दस्तावेजों पर ई-साइन अथवा डिजिटल साइन से हस्ताक्षर किए जाते हैं और पंजीयन पूर्ण होते ही ईमेल और व्हाट्सऐप पर दस्तावेज उपलब्ध हो जाते हैं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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