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मध्यप्रदेश के इस शहर में बन रहा है 7 करोड़ का इंडोर स्टेडियम, 20-20 क्रिकेट मैचों के लिए बन रहा है विशेष पिच

मध्यप्रदेश खेल प्रतिभाओं के लिए अच्छी खबर है भिंड जिले के गोहद में स्थित महर्षि अरविंद महाविद्यालय में जल्द ही एक आधुनिक इंडोर स्टेडियम का निर्माण होने जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी है और निर्माण एजेंसी को डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। आपको बता दें यह जिले का दूसरा इंडोर स्टेडियम होगा जिसमें खिलाड़ियों को वह सारी सुविधाएं मिलेंगी जो आज तक उन्हें सिर्फ सपनों में ही नसीब होती थीं।

खेल प्रतिभाओं को मिलेगा नया पंख

कॉलेज में करीब 1300 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं लेकिन अब तक यहां कोई इंडोर स्टेडियम नहीं था। युवाओं को खुले मैदानों में ही अभ्यास करना पड़ता था चाहे वो तेज़ धूप हो मूसलधार बारिश या ठंडी हवाएं। अब सरकार के इस फैसले से खिलाड़ियों को बेहतर वातावरण में प्रोफेशनल ट्रेनिंग मिल सकेगी।

कॉलेज के मैदान में अब तक सिर्फ क्रिकेट टूर्नामेंट होते थे लेकिन इस स्टेडियम के बनते ही बैडमिंटन, कबड्डी, वॉलीबॉल और रेसलिंग जैसे खेलों को भी नया प्लेटफॉर्म मिलेगा।

लगभग ₹7 करोड़ का बन रहा है स्टेडियम

उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय ने बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (BDC) को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है। जैसे ही DPR बनकर तैयार होती है टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और जल्द ही निर्माण कार्य का शुभारंभ होगा। फिलहाल स्टेडियम की अनुमानित लागत करीब ₹7 करोड़ बताई जा रही है हालांकि DPR के आधार पर इसमें बदलाव संभव है।

जनभागीदारी से बनी योजना

इस इंडोर स्टेडियम की मांग कॉलेज जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह गुर्जर ने की थी। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को कई बार ज्ञापन सौंपा जिसके बाद अब मंजूरी मिली है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. आशाराम सगर और जनभागीदारी समिति मिलकर आगे की कार्ययोजना तय करेंगे।

कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी

  • बैडमिंटन, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल और हॉकी के कोर्ट
  • डे-नाइट मैच की व्यवस्था
  • 20-20 क्रिकेट मैचों के लिए विशेष पिच
  • प्रोफेशनल कोचिंग स्टाफ की नियुक्ति
  • लगभग 5000 दर्शकों के बैठने की सुविधा

भविष्य की ओर बड़ा कदम

गौरतलब है कि लहार में भी एक इंडोर स्टेडियम बना था, लेकिन देखरेख के अभाव में उसका उपयोग नगण्य रह गया। इससे प्रशासन ने सबक लेते हुए इस नए प्रोजेक्ट में स्थायी रखरखाव और प्रशिक्षण सुविधा की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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