देश दुनिया

IIT से बीटेक, UPSC में 185वीं रैंक, IFS से बनें IPS, अब भारतीय सेना से मिला ये सम्मान

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मई महीने में एक बड़े सैन्य अभ्यास ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया. यह अभियान भारतीय सेना, वायु सेना (IAF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त कार्रवाई थी. इस सफल अभियान के दौरान नागरिक और सैन्य एजेंसियों के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिला. खासकर जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक (SP) सुधीर चौधरी की भूमिका अत्यंत ही सराहनीय रही है. वर्ष 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी चौधरी ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और सेना के साथ समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

मिला ये सम्मान

जनरल द्विवेदी ने एसपी सुधीर चौधरी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके कुशल नेतृत्व, समन्वय और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है. सीमावर्ती क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उनकी भूमिका को सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत जरूरी बताया है.

IIT से किया बीटेक की पढ़ाई

UPSC में 185वीं रैंक हासिल करने वाले आईपीएस अधिकारी सुधीर राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर तहसील स्थित बागरिया बास गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता, लक्ष्मण राम, कृषि विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर काम किए हैं. सुधीर ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा श्रीमाधोपुर से शुरू की और बाद में बूंदी, जयपुर और कोटा में अपनी शिक्षा जारी रखी. सुधीर ने अपनी उच्च शिक्षा आईआईटी रुड़की से प्राप्त की, जहां से उन्होंने बी.टेक की डिग्री हासिल की.

IFS से बनें IPS

IIT रुड़की से बीटेक की डिग्री प्राप्त करने के बाद सुधीर ने एक साल तक कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम किया, लेकिन उनका असली सपना पुलिस सेवा में शामिल होने का था. वर्ष 2012 में उनका चयन मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में हुआ और अगले ही वर्ष उनका चयन भारतीय वन सेवा (IFS) के लिए हुआ. हालांकि, उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण रंग लाई और वर्ष 2014 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में हुआ. वह 2015 बैच के तहत राजस्थान कैडर में शामिल हुए थे. उन्होंने भारतीय पुलिस अकादमी में टेनिस एकल में स्वर्ण पदक जीता है.एसपी सुधीर चौधरी को मिला यह सम्मान इस बात का प्रतीक है कि संकट की घड़ी में नागरिक प्रशासन और सशस्त्र बलों का एकजुट होकर कार्य करना देश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए कितना जरूरी है. ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन था, बल्कि यह नागरिक-सैन्य सहयोग की सफलता की भी एक मिसाल बन गया है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button