, भोपाल। दक्षिण-पश्चिमी मानसून की रफ्तार अब तेज होती जा रही है। इसके समय से पहले मध्य प्रदेश पहुंचने की संभावना प्रबल होती जा रही है। अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में बढ़ रही मानसूनी हलचल राज्य में मानसून पूर्व गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है।
इसका असर प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिल रहा है, जहां बादल छा रहे हैं और रुक-रुक कर बारिश भी हो रही है। इसके चलते दिन का तापमान गिर गया है और लू से राहत मिल गई है।शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, शहडोल, रीवा, नर्मदापुरम और उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, रुक-रुक कर बारिश का यह सिलसिला अगले चार-पांच दिनों तक जारी रह सकता है।
मानसून को मिल रहा सिस्टम का समर्थन
- मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि इस समय पंजाब और उससे सटे क्षेत्रों में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर भी चक्रवात की स्थिति है।
- इन दोनों चक्रवातों को जोड़ती हुई एक द्रोणिका रेखा बनी है, जो दक्षिणी हरियाणा, उत्तर प्रदेश होते हुए मध्य प्रदेश तक फैली हुई है। वहीं, अरब सागर में बने कम दबाव का क्षेत्र शनिवार तक अवदाब में परिवर्तित होकर उत्तरी दिशा में आगे बढ़ेगा।
- मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला के अनुसार बंगाल की खाड़ी में भी 27 मई को एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इससे मानसून पूर्व की गतिविधियों को और बल मिलेगा।
- साथ ही, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 24-25 मई तक केरल पहुंचने की संभावना जताई गई है। यदि सभी परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो मध्य प्रदेश में मानसून 15 जून की निर्धारित तारीख से पहले ही दस्तक दे सकता है।