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लग्जरी क्रूज शिप पर फैला नोरोवायरस का प्रकोप, चालक दल समेत 200 से अधिक लोग हुए बीमार

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, नोरोवायरस के प्रकोप के कारण एक लग्जरी क्रूज शिप पर सवार 200 से अधिक यात्री और चालक दल के सदस्य बीमार पड़ गए हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, क्यूनार्ड लाइन्स का क्वीन मैरी 2 नाम का यह क्रूज शिप इंग्लैंड से पूर्वी कैरिबियन जा रहा था। सीडीसी के अनुसार, 224 यात्री और 17 चालक दल के सदस्य वायरस के प्रकोप का शिकार हुए हैं। जहाज पर 2,538 यात्री और 1,232 चालक दल के सदस्य सवार हैं। वायरस के प्रमुख लक्षणों में दस्त और उल्टी शामिल हैं। क्रूज मैपर नाम की एक ट्रैकिंग साइट के अनुसार वायरस के प्रकोप की सूचना 18 मार्च को मिली, जब क्रूज न्यूयॉर्क में रुका था।

मंगलवार को एक बयान में, क्यूनार्ड ने कहा कि जहाज की अच्छी तरह से सफाई की गई है, और यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। क्यूनार्ड के बयान में कहा गया, “हमारे चालक दल की त्वरित प्रतिक्रिया और अतिरिक्त उपायों के कारण, हम पहले से ही रिपोर्ट किए गए मामलों में कमी देख रहे हैं।” सीडीसी के अनुसार, क्रूज लाइनर ने सफाई और डिसइंफेक्शन प्रोसीजर को बढ़ा दिया है, बीमार यात्रियों और चालक दल को अलग कर दिया है, परीक्षण के लिए नमूने भी लिए गए हैं।

कहां है क्रूज

क्वीन मैरी 2, वर्तमान में उत्तर पश्चिमी अटलांटिक महासागर में है। क्रूज ने 15 मार्च को न्यूयॉर्क में अपना पहला पड़ाव बनाया था, जिस दौरान प्रकोप की सूचना मिली थी। क्रूज मैपर से पता चलता है कि यह सेंट लूसिया द्वीप, बारबाडोस और डोमिनिका सहित अन्य स्थानों पर भी रुका है।

नोरोवायरस क्या है?

नोरोवायरस एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी बीमारी है जो उल्टी और दस्त का कारण बनती है और तेजी से फैलती है। सीडीसी के अनुसार, इसे “पेट फ्लू” या “पेट बग” भी कहा जाता है और यह तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बनता है। किसी भी उम्र के लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। यह किसी के साथ सीधे संपर्क, दूषित भोजन या पेय पदार्थ खाने या पीने और दूषित सतहों को छूने से फैलता है। इलाज मिलने के बाद वायरस से बीमार लोग दो से तीन दिनों में बेहतर महसूस कर सकते हैं।

ऐसे करें बचाव

नोरोवायरस से बचाव के लिए, व्यक्ति को बार-बार हाथ धोने चाहिए, फलों और सब्जियों को धोना चाहिए तथा अच्छी तरह पकाकर खाना चाहिए। दूषित सतहों को साफ और कीटाणुरहित करना चाहिए, कपड़ों को गर्म पानी में धोना चाहिए तथा बेहतर महसूस होने के बाद दो दिनों तक घर पर ही रहना चाहिए।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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