जिस तरह दीवार में सीलन आना उसके कमजोर होने की निशानी है। ठीक उसी तरह शरीर में भी सीलन आ सकती है। डॉक्टर ने इसे उस स्थिति को कहा है जिसमें शरीर के अंदर टॉक्सिन जमने लगते हैं। इसकी वजह से स्किन खराब होने लगती है, पेट की दिक्कतें बढ़ने लगती हैं। धीरे-धीरे शरीर अंदर से कमजोर होने लगता है।सबसे खतरनाक यह है कि इसका एहसास तबतक नहीं होता, जबतक बात आपके सिर से ऊपर ना निकल जाए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये टॉक्सिन कहां से आते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर रोबिन शर्मा ने इसके पीछे कमजोर पाचन को जिम्मेदार बताया। कमजोर पाचन तंत्र शरीर के लिए हानिकारक कचरे को बाहर नहीं निकलने देता और टॉक्सिन अंदर ही अंदर बढ़ने लगता है। डॉक्टर ने कहा, ‘अभी भी समय है आदतें सुधार लें वरना सबकुछ बिगड़ने के बाद मेरे पास आओगे।’डॉक्टर ने कहा कि आपको 3 काम करने ही होंगे और इनका कोई ऑप्शन नहीं है। सबसे पहला नियम खाने के बीच में अंतर रखिए। अगर आपने सुबह 9 बजे खाया है तो दोबारा तबतक मत खाइए, जबतक फिर से भूख ना लगे। इसके अलावा पेट भरकर कभी मत खाएं, अगर 4 रोटी की भूख है तो 3 खाएं। हफ्ते में 1-2 दिन का उपवास जरूर करें, डॉक्टर के मुताबिक अगर आपको बुखार है, दस्त है, मन उदास है या गुस्सा आ रहा है तो कभी भी खाना मत खाइए। आयुर्वेद कहता है कि जब कभी भी आपके शरीर या मन का असंतुलन हो तो ऐसी कंडीशन में खाना जहर बन जाता है।अपने घर पर तैयार करें। जीरा, सौंफ, अजवाइन, काली मिर्च, पीपली और सोंठ का पाउडर बना लें। फिर इसके ऊपर नींबू का रस निचोड़कर कपड़े से ढककर धूप में सुखा लीजिए। जब यह सूख जाए तो इसे पीसकर दो चुटकी के करीब भोजन के तुरंत बाद खाना शुरू कर दें। खाना अच्छे से हजम होगा और शरीर पर लगता हुआ दिखाई देगा।
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