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नईदिल्ली में छाए जशपुर के ब्रांड, भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव का आकर्षण बने जशप्योर उत्पाद

रायपुर। नई दिल्ली के भारत मंडपम में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के उत्पाद विशेष आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। भारत मंडपम में शनिवार से शुरू हुए ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के जशप्योर ब्रांड के उत्पादों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग भारत मंडपम में लगाए गए स्टॉल क्रमांक 76 में पहुंचकर जशप्योर के उत्पाद को खरीद रहे हैं। जशप्योर उत्पादों की ऑनलाइन भी खरीदी हो रही है।

बता दें कि ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का आयोजन दिल्ली के भारत मंडपम में 4 जनवरी से 9 जनवरी तक किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इस महोत्सव का उद्घाटन किया। महोत्सव का विषय विकसित भारत 2047 के लिए लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण है। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमशीलता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

वनोपज उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने के प्रयास
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिले सहित अन्य जिलों के वनोपज उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने के प्रयास से छत्तीसगढ़ में ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिला है। छत्तीसगढ़ सरकार इस पहल से युवाओं और महिलाओं को रोजगार सुलभ हुआ है।  ग्रामीण भारत महोत्सव में हरित क्रांति आदिवासी सहकारी समिति मर्यादित छत्तीसगढ़ द्वारा लगाए गए स्टाल में जशपुर जिले में उत्पादित काजू, जीराफूल चावल, रागी और महुआ का बना लड्डू, कुल्थी दाल, मड़वा आटा, रागी से कुकीज, जैकफ्रूट कुकीज, महुआ एनर्जी कैंडी, महुआ नेक्टर, जशपुर की चाय सहित अन्य कई खाद्य उत्पाद प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध हैं, जिसे जशपुर जिले के वनोपज का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण कर तैयार किया गया है, जो स्वादिष्ट और सेहत के लिए उत्तम है। जशप्योर के प्रोडक्ट का निर्माण आदिवासी युवाओं और महिलाओं द्वारा पूरी शुद्धता के साथ किया जाता है। यही कारण है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जशप्योर ब्रांड ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

महुआ, रागी और बाजरा जैसे खाद्य पदार्थ
जशप्योर का मुख्य उद्देश्य महुआ, रागी और बाजरा जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों को वैश्विक थाली में लाना है। समर्थ जैन का कहना है कि इन उत्पादों के माध्यम से न केवल पोषण को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि इनके संग्रह और प्रसंस्करण में लगे आदिवासी समुदायों को रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण भी हो रहा है। महुआ जशपुर जिले में बहुतायत रूप से पाया जाता है। महुआ पेड़ फूल-फल से लेकर जड़ तक औषधीय गुणों से भरपूर है। महुआ में एंटी बैक्टिरियल गुण होते हैं, इससे शरीर में सूजन कम होती है और घाव जल्दी भरते हैं। महुआ में विटामिन सी होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। महुआ का उपयोग खांसी, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा जैसे श्वसन समस्याओं के उपचार में उपयोगी है। यह फेफडों में जमें कफ को दूर करता है। रागी में भरपूर मात्रा में कैल्सियम, विटामिन, फाइबर पाया जाता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तनाव में कमी, डिप्रेशन, एंग्जायटी और अनिद्रा की समस्याओं को दूर करता है। इसके सेवन से खून में आयरन की कमी को दूर करने में मदद मिलती है। हड्डियां मजबूत होती है। रागी के सेवन से कोलेस्ट्राल और वजन को कम होता है।   

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