इंदौर: मध्यप्रदेश के 12 जिलों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना – मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और सागर संभागों के जिलों में कहीं कहीं; रीवा संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर; शहडोल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज़ की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा । सिंगरौली जिले के चितरंगी में सर्वाधिक 105. 8 मिमी वर्षा दर्ज़ की गई। 1 जून से 16 सितंबर तक की अवधि में दीर्घावधि औसत से मध्य प्रदेश में 14% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मप्र में औसत से 10 % अधिक और पश्चिमी मप्र में औसत से 18 % अधिक वर्षा हुई है। राज्य के कई जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलीं।
मौसम की स्थिति – मौसम केंद्र के अनुसार गंगीय पश्चिम बंगाल पर स्थित अति तीव्र निम्न दाब क्षेत्र (डीप डिप्रेशन ) पश्चिम – उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ गया है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल व झारखंड की ओर बढ़ते हुए दुर्बल होकर तीव्र निम्न दाब क्षेत्र (डिप्रेशन )में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके बाद यह अगले 24 घंटों के दौरान झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम – उत्तर -पश्चिम दिशा में गतिशील रहेगा। वर्तमान में मानसून ट्रफ अमृतसर, रोहतक, शाहजहांपुर, लखनऊ, डाल्टनगंज, गंगीय पश्चिम बंगाल और संलग्न झारखंड पर स्थित है। अति तीव्र निम्न दाब क्षेत्र के केंद्र से गुजरते हुए दक्षिण -पूर्व दिशा में पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। हिमाचल प्रदेश के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।पूर्वानुमान – मौसम केंद्र ने सिंगरौली , सीधी, रीवा, मऊगंज, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और मैहर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा ( 115. 6 से 204. 4 मि मी ) होने की संभावना है। जबकि सतना, कटनी, छिंदवाड़ा , सिवनी, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर और पांढुर्ना जिलों में कहीं -कहीं भारी वर्षा ( 64. 5 से 115. 5 मि मी ) होने की संभावना है। राज्य के अन्य जिलों में कहीं -कहीं कुछ /अनेक और अधिकांश स्थानों पर वर्षा या गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।