रायपुर – प्रदेश में बीते दो तीन दिनों की भारी बारिश के बाद अब दोबारा से मानसून की गतिविधियां कमजोर पड़ गई हैं. मौसम विभाग ने 14 सितंबर से उत्तरी एवं मध्य छत्तीसगढ़ में वर्षा व वज्रपात की गतिविधियों में वृद्धि होने की संभावना जताई है. इसके अलावा मौसम विभाग के अनुसार 15 व 16 सितंबर को उत्तरी छत्तीसगढ़ में एक दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है.
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता सामान्य से कम रही. प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गयी. सर्वाधिक वर्षा सूरजपुर में 02 सेमी दर्ज की गयी.
मौसम विशेषज्ञ संजय बैरागी ने बताया कि उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों में एक सुस्पष्ट निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. अगले 12 घंटों के दौरान इसके धीरे-धीरे कमजोर होकर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है.
वहीं उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश तट पर एक सुस्पष्ट निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. 14 सितंबर तक इसके पश्चिम- उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और तटीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है.
मौसम विशेषज्ञ संजय बैरागी ने आगे बताया कि औसत समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अब फिरोजपुर, करनाल, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों में स्थित सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र के केंद्र, बाराबंकी, छपरा, पूर्णिया और फिर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण- पूर्वी बांग्लादेश तट पर स्थित सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र के केंद्र से होकर गुजर रही है. जिसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना हैवहीं एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात और भारी वर्षा होने की भी संभावना है. मौसम विभाग ने प्रदेश के सर्वाधिक अधिकतम तापमान सुकमा का 33.8 डिग्री सेल्सियस और सबसे कम न्यूनतम तापमान नारायणपुर का 20.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है.